Friday, 30 December 2011

प्रदेश में गणित लेक्चरर्स की कमी

कपिल चड्ढ़ा, चंडीगढ़
प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह देश में गणितज्ञों की कमी से चिंतित हंै और हरियाणा के बच्चे भी जिस हिसाब से बोर्ड परीक्षा में पिछडऩे लगे हैं, भविष्य में राज्य से अच्छे गणितज्ञ कम ही निकलने की उम्मीद है। वजह बच्चों का गणित को मुश्किल विषय समझना या इसमें करियर की संभावना कम आंकना तो है ही, स्कूलों में पढ़ाने वाले लेक्चरर्स की कमी होना भी है। हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड, भिवानी का बीते मार्च में 12वीं गणित का परीक्षा परिणाम 72.76 प्रतिशत रहा जबकि पिछले साल परिणाम 91.19 प्रतिशत था। इसी तरह दसवीं का परिणाम इस साल 81.73 प्रतिशत रहा जबकि पिछले साल 85.67 प्रतिशत था। जाहिर है कि बच्चों ने गणित में रूचि कम ली और सरकार ने समय रहते उचित कदम न उठाए तो दो महीने बाद होने वाली बोर्ड परीक्षा के परिणाम भी ज्यादा संतोषजनक मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस लिहाज से प्रधानमंत्री की चिंता काफी हद तक जायज है। बच्चे अगर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में गणित में अच्छे परिणाम नहीं देंगे तो भविष्य में अच्छे गणितज्ञों की कमी पूरी होने के आसार कम ही माने जा सकते हैं।

३० प्रतिशत पद हैं खाली

राज्य के सरकारी स्कूलों में गणित के लेक्चरर कम हैं। शिक्षा निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार गेस्ट लेक्चरर काफी हद तक स्कूलों को संभाले हुए हैं। शिक्षा विभाग में लेक्चरर के 700 पद स्वीकृत हैं। इनमें 503 भरे हुए यानी तकरीबन 30 प्रतिशत पद खाली हैं। कमी पूरी करने के लिए 92 गेस्ट लेक्चरर लगा रखे हैं, बावजूद इसके 105 पद अभी भी खाली हैं। इनमें 25 पद भिवानी और 11 रोहतक में ही खाली हैं।

॥सरकार स्कूलों में लेक्चरर्स की कमी जल्द पूरी करने के लिए प्रयासरत है। जल्द ही 20 हजार शिक्षक भर्ती किए जाएंगे और इनमें गणित के लेक्चरर भी होंगे। सभी जिलों से जानकारी मांगी गई है कि कहां कितने पद खाली हैं। गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री हरियाणा
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