Monday, 12 December 2011

गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति पर नोटिस

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट नेशिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, उच्चतर शिक्षा निदेशक व हरियाणा लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने यह नोटिस राज्य के कॉलेजों में लेक्चरर के रिक्त सभी पद तुरंत भरने और इन पर गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति न करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। सिरसा निवासी राकेश कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील जगबीर मलिक ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के कॉलेजों में इस समय लगभग 500 से ज्यादा गेस्ट लेक्चरर कार्यरत हैं। जो 2007 से सरकार द्वारा निर्धारित पदों पर काम कर रहे हैं। उस समय सरकार ने नीति के तहत कॉलेजों के प्रमुखों को निर्देश जारी कर गेस्ट लेक्चरर लगाने की इजाजत थी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि गेस्ट और ठेके पर किसी भी विभाग में कोई नियुक्ति अगर होती है तो वह छह माह से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसा भी किसी विशेष कारण पर ही हो सकता है। मलिक ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश सरकार इन गेस्ट लेक्चरर को नियमित करने की योजना बना रही है जबकि इनकी नियुक्ति बगैर किसी नियम व विज्ञापन प्रकाशन के कॉलेज के मुखिया द्वारा की गई है। यह एक तरह से बैकडोर इंट्री की जा रही है। मलिक ने कोर्ट को बताया कि इसी प्रकार स्कूलों के गेस्ट टीचरों के मामले में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट प्रदेश सरकार को फटकार लगा चुके हैं। हाई कोर्ट ने गेस्ट टीचर को नियमित करने पर रोक लगाते हुए 31 मार्च 2012 के बाद गेस्ट टीचर न रखने का आदेश देते हुए सरकार को उस समय तक नियमित नियुक्ति का आदेश दिया हुआ है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से मांग की कि वह इसी फैसले के आधार पर प्रदेश सरकार को आदेश दे कि राज्य के कॉलेजों में और गेस्ट लेक्चरर लगाने पर रोक लगाए।
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