Friday 9 December 2011

4 हफ्ते में लगें हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को चार सप्ताह के भीतर वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का आदेश लागू करने को कहा है। कोर्ट ने आखिरी मौका देते हुए स्पष्ट किया कि अगर इस समय सीमा के भीतर आदेश पर अमल नहीं हुआ तो राज्य सरकारों के खिलाफ बगैर नोटिस के अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। ये आदेश मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाडि़या की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के आदेश पर अमल के मामले में जारी किए। कोर्ट ने राज्यों से कहा है कि वे चार सप्ताह में आदेश पर अमल का हलफनामा दाखिल करें। मालूम हो कि पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर वाहनों में छेड़छाड़ प्रूफ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के आदेश को लागू करने की मांग की है। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्यों ने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का आदेश लागू नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट आजकल आदेश लागू कराने के मामले में सुनवाई कर रहा है। कुछ राज्यों ने तो आदेश को लागू करने की दिशा में काफी काम किया है, लेकिन कुछ राज्य अभी भी प्रारंभिक दौर में ही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ कर दिया कि अब ज्यादा हीलाहवाली नहीं चलेगी। अगर चार सप्ताह के भीतर आदेश पर अमल नहीं किया गया तो बगैर नोटिस के संबंधित अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी। बता दें कि वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगने से वाहन चोरी की संभावनाओं पर अंकुश लगेगा। क्योंकि इन नंबर प्लेटों में कोई छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी। हालांकि ये नंबर प्लेट सामान्य नंबर प्लेट के मुकाबले थोड़ी महंगी पड़ेगी। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का मामला पिछले दस सालों से केंद्र सरकार के विचाराधीन है, लेकिन राज्य सरकारों की हीलाहवाली और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट निर्माताओं की आपसी खींचतान के चलते यह मामला विभिन्न हाईकोर्टो से होते हुए सुप्रीम कोर्ट में पहंुचा था। कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए कदम उठाने को कहा था, लेकिन उस पर राज्यों ने प्रभावी कदम नहीं उठाए। इसीलिए इस बार कोर्ट का रुख सख्त हो गया है। इस आदेश का मतलब हुआ कि अब जल्द ही इस दिशा में काम होगा। लिहाजा वाहन स्वामियों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
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