नई दिल्ली, एजेंसी : देश में गरीबों की तादाद भले नहीं घट रही हो, लेकिन अरबपतियों का कुनबा लगातार बड़ा हो रहा है। साथ ही संपत्ति भी इनके हाथों में ही सिमटती जा रही है। रिसर्च फर्म वेल्थ एक्स की मानें तो भारत में अरबपति धनकुबेरों की संख्या 8,200 हो गई है। अल्ट्रा हाई नेटवर्थ (यूएचएनडब्ल्यू) व्यक्तियों के नाम से पहचाने जाने वाले इस कुनबे की कुल संपत्ति करीब 47,57,000 करोड़ रुपये (945 अरब डॉलर) पर पहुंच गई है। यह भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 70 प्रतिशत है। वर्ष 2010-11 में जीडीपी का आंकड़ा 78.77 लाख करोड़ रुपये था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपत्तियों का आकलन और अध्ययन करने वाली फर्म वेल्थ एक्स के सर्वे के अनुसार भारत में रोज नए करोड़पति बन रहे हैं। अपनी मेहनत और कार्यकुशलता से ये कुछ ही साल में यूएचएनडब्ल्यू का दर्जा हासिल कर लेते हैं। भारतीय दौलमंद अब सिर्फ महंगी कारें, सोना और देश में संपत्ति ही खरीदने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि उनकी दिलचस्पी विदेश में कंपनियों के अधिग्रहण में भी बढ़ी है। टाटा-कोरस और भारती-जेन जैसे सौदे उनकी इसी महात्वाकांक्षा को साफ दर्शाते हैं। सर्वे के अनुसार 6,150 भारतीयों के पास तीन करोड़ डॉलर से 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। करीब 900 के पास 10 करोड़ से 20 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। बीस करोड़ डॉलर से 50 करोड़ डॉलर के बीच करीब 880 भारतीय हैं। पचास करोड़ डॉलर से 99 करोड़ डॉलर की संपत्ति वाले 160 भारतीय हैं। कौन हैं यूएचएनडब्ल्यू अल्ट्रा हाई नेटवर्थ व्यक्तियों यानी यूएचएनडब्ल्यू में करीब 1.51 अरब रुपये (3 करोड़ डॉलर) की संपत्ति वाले व्यक्ति आते हैं।