Tuesday 15 November 2011

हिसार उपचुनाव के परिणाम में तलाश रहे भविष्य

हिसार संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस-भाजपा की जीत के बाद विभिन्न पार्टी नेताओं ने कुलदीप बिश्नोई के साथ राजनीतिक मेलजोल बढ़ा लिया है। ये राजनेता कुलदीप के सांसद बनने पर उन्हें बधाई देने का कोई भी अवसर हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। न केवल इतना बल्कि आदमपुर में किसी भी तरह का सहयोग देने की पेशकश के जरिये भी कुलदीप के नजदीक आ रहे हैं। कई नेता तो ऐसे हैं, जिन्होंने हजकां-भाजपा गठबंधन को अपने राजनीतिक भविष्य के रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के मजबूत सिपहसालारों में शामिल इंद्री के पूर्व विधायक राकेश कांबोज सत्ता सुख भोगने की बजाय इनेलो में कुछ दिन बिताने के बाद वापस कुलदीप के पास लौट आए हैं। दादरी के पूर्व विधायक धर्मपाल सांगवान और पूर्व विधायक गणपत राय भी हजकां की नीतियों से इत्तेफाक जाहिर करते हुए हजकां में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस नेत्री बिमला रोज, पूर्व चेयरमैन कृष्ण रोज और पाला राम कांबोज सरीखे नेताओं ने हाल ही में हजकां का दामन थामा है। कई और भी कद्दावरों के हजकां-भाजपा गठबंधन के संपर्क में होने की सूचना है। इस राजनीतिक मेल-मिलाप से जहां हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई उत्साहित हैं, वहीं लंबे अरसे से राजनीतिक अवसरों की तलाश कर रहे कई नेताओं को पटरी से उतर चुकी अपनी गाड़ी फिर सरपट दौड़ती दिखाई देने लगी है। बयां करने से नहीं रोक पाए जेपी अपना दर्द हिसार उपचुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह से हुई हार का सदमा तो पार्टी प्रत्याशी जयप्रकाश को है ही। साथ ही बड़ी चिंता यह भी है कि अभी तक कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के खिलाफ काम करने वाले दिग्गजों के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई का संकेत नहीं दिया है। इतना ही नहीं जिन कांग्रेसियों के विरुद्ध पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव पारित किया गया, उन्हें ही अब चुनाव आयोग को भेजी सूची में स्टार प्रचारक के रूप में पेश किया गया है। यह अलग बात है कि ये स्टार प्रचारक आदमपुर व रतिया में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करने आते भी हैं या नहीं। हाल ही में नई दिल्ली में मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई कांग्रेस की बैठक में जयप्रकाश अपने इस दर्द को बयां करने से खुद को नहीं रोक पाए। जयप्रकाश ने साफ कह दिया कि जिन नेताओं ने हिसार में पार्टी का विरोध किया है, उन्हें आदमपुर व रतिया में नहीं बुलाया जाना चाहिए। साथ ही अपना भी बचाव किया। उन्होंने यहां तक सुझाव दे डाला कि यदि आदमपुर व रतिया के कांग्रेस उम्मीदवारों को लगता है कि कोई पार्टी नेता उनकी मुखालफत कर सकता है तो वह प्रदेश कमेटी से उसकी ड्यूटी अपने हलके में नहीं लगाने का अनुरोध पहले ही कर लें। प्रस्तुति : चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो
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