जागरण संवाददाता, कोलकाता प. बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी ने सूबे में स्कूलों की कमी और बच्चों की भारी तादात को देखते हुए सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक छात्र-छात्राओं को लाटरी के आधार पर दाखिले को मंजूरी दे दी है। इसी माह बनर्जी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लाटरी के जरिए दाखिले के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था। राज्य के शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु ने सोमवार बताया कि मुख्यमंत्री ने लाटरी के आधार पर दाखिला प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। आगामी जनवरी माह से शुरू होने वाले सत्र में इसी के आधार पर बच्चों को दाखिला मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, ममता दाखिले के लिए अन्न विकल्प ढूंढे जाने के पक्ष में थीं लेकिन कोई कारगर रास्ता नहीं मिल सका। अभिभावकों की संभावित नाराजगी से डरी सरकार ने हार कर लाटरी पद्धति पर ही मुहर लगा दी। उल्लेखनीय है कि राज्य में वामपंथी शासन में स्कूलों में दाखिले के लिए लाटरी पद्धति चालू की गई थी लेकिन अब तक यह सिर्फ कक्षा एक के लिए ही आयोजित की जाती रही है। केंद्र सरकार के शिक्षा के अधिकार कानून -2010 के तहत कक्षा आठ तक बच्चे को फेल न करने तथा दाखिला टेस्ट आयोजित न करने के निर्देश के चलते लाटरी पद्धति को अपनाना पड़ा।