केंद्र सरकार ने 44 ‘डीम्ड’ यूनिवर्सिटीज को बंद करने का पक्ष लिया है। इससे इन यूनिवर्सिटीज से जुड़े संस्थानों में पढ़ाई कर रहे दो लाख से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 22 नवंबर को फैसला लेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इन विश्वविद्यालयों को ‘मान्यता प्राप्त’ का दर्जा देने की संभावना पर सरकार का पक्ष पूछा था। तब मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि ये 44 डीम्ड या निजी यूनिवर्सिटीज बुनियादी मानकों को पूरा करने में नाकाम साबित हुई हैं। 44 यूनिवर्सिटीज में से 14 तमिलनाडु और एक पुडुचेरी में हैं। टंडन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इनके कामकाज व पढ़ाई के स्तर पर गहरी चिंता जताई है। महाराष्ट्र स्थित तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ, कोल्हापुर का डीवाई पाटील मेडिकल कॉलेज और सतारा जिले में कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज भी इन ‘डीम्ड’ यूनिवर्सिटीज में शामिल हैं। टंडन कमेटी ने इन यूनिवर्सिटीज की मान्यता खत्म करने की सिफारिश की है। अब इनसे ‘डीम्ड’ का दर्जा छीन लिया जाए या इन्हें अपने कामकाज में सुधार के लिए और समय दिया जाए, यह 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तय होगा।