Wednesday, 12 October 2011

रोकी जा सकती है दागी कर्मचारी की वेतन वृद्धि

नई दिल्ली, जाब्यू : दागी और साफ छवि के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि में अंतर को कर्मचारियों के बीच भेदभाव नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के दागी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि (सेलेक्शन ग्रेड) रोके जाने के नियम को सही ठहराते हुए यह व्यवस्था दी। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी एवं न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने राजस्थान सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए कहा है कि संविधान में सभी के साथ बराबरी का व्यवहार करने की बात कही गई है, लेकिन राज्य सरकार सकारात्मक अंतर कर सकती है। पीठ ने कहा कि सरकार द्वारा किया गया वर्गीकरण भेदभाव पूर्ण नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार ने स्वच्छ छवि और बेदाग नौकरी वाले कर्मचारियों और दागी एवं फटकार खाने वाले कर्मचारियों के बीच अंतर किया है। उसने दागी कर्मचारियों को सेलेक्शन ग्रेड से एक वर्ष के लिए वंचित किया है। इसे कर्मचारियों के बीच भेदभाव पूर्ण वर्गीकरण नहीं माना जा सकता। यह वर्गीकरण तर्कसंगत है और संविधान में इसकी अनुमति है। हालांकि कोर्ट ने वेतन वृद्धि का लाभ ले चुके दागी कर्मचारियों से वसूली करने पर रोक लगा दी है। पेश मामले के अनुसार, राजस्थान सरकार ने 1992 में एक आदेश जारी किया था जिसमें नौ वर्ष, 18 वर्ष तथा 27 वर्ष की सेवा पूरी करने पर सेलेक्शन ग्रेड (वेतन वृद्धि) दिए जाने की बात कही गई थी।
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