चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : शिक्षा विभाग में होने वाले तबादले फिलहाल लटक गए हैं। शिक्षक संगठन जहां सरकार पर तबादला सूची जल्द जारी करने का दबाव बना रहे हैं, वहीं शिक्षा विभाग रेशनेलाइजेशन से पहले तबादला सूची जारी करने पर राजी नहीं है। रेशनेलाइजेशन की समय सीमा तय नहीं होने के कारण यह नहीं कहा जा सकता कि विभागीय तबादला सूची कब तक जारी हो सकेगी। शिक्षा विभाग के करीब 27 हजार शिक्षक और कर्मचारियों ने एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादलों के लिए आन लाइन और मैन्युल आवेदन किए थे। इसमें मयुच्युल, हैंडीकैप और विशेष अनुरोध वाले तबादले भी शामिल हैं। आन लाइन तबादला सूची जुलाई के मध्य तक जारी होनी थी, लेकिन इसमें लगातार देरी होती जा रही है। शिक्षक संगठनों की विभागीय अधिकारियों से मुलाकात के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि प्रदेश सरकार हाल फिलहाल शिक्षकों की तबादला सूची जारी करने पर रजामंद नहीं है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि करीब 27 हजार शिक्षकों के तबादले करना सरकार और अफसरों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। एक-एक तबादले के लिए कई-कई सिफारिशें भी आई हैं। इसलिए किस सिफारिश को स्वीकार किया जाए और किसे नजर अंदाज किया जाए, यह दुविधा भी तबादला सूची जारी होने में बड़े व्यवधान के रूप में सामने आई है। प्रदेश में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं 30 सितंबर से आरंभ होंगी। उसके बाद नवंबर में दूसरा सेमेस्टर आरंभ हो जाएगा। इस दौरान कक्षा एक से पांच तक जेबीटी शिक्षकों को देने का प्रस्ताव है। कक्षा छह से आठ तक एलीमेंटरी एजूकेशन के दायरे में लाई जा रही हैं और कक्षा नौ से 12 तक लेक्चरारों को दिया जाना प्रस्तावित है। रेशनेलाइजेशन की यह प्रक्रिया कब शुरू होगी और कब खत्म होगी, इस बारे में विभागीय तौर पर अभी कोई खुलासा नहीं किया गया है। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रेशनेलाइजेशन के बाद ही नई तबादला सूची पर कोई गौर किया जाएगा। ऐसा नहीं करने की स्थिति में विभाग को रेशनेलाइजेशन के बाद एक बार फिर तबादले करने पड़ सकते हैं। लिहाजा बार बार की दिक्कतों से बचने के लिए पूरी प्रक्रिया को ही लटका दिया गया है।