बृजेश द्विवेदी, कुरुक्षेत्र यह तो लापरवाही की हद हो गई। राजकीय विद्यालयों में प्राथमिक चिकित्सा के नाम पर एक्सपायरी दवाइयां भेज दी गई। कई दवाइयों के रैपर दीमक चाट चुके हैं। यदि इन दवाओं को गलती से भी किसी को दे दिया जाए तो उसकी जान पर बन आना निश्चित है। थानेसर खंड के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं व माध्यमिक विद्यालयों को पिछले सप्ताह रेडक्रॉस सोसायटी चंडीगढ़ ने प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स भेजे थे। इस बॉक्स के लिए हर स्कूल से 828 रुपये लिए गए। कई स्कूलों में भेजे गए बॉक्स में अधिकतर दवाइयां या तो एक्सपायरी हो चुकी हैं या फिर दो-तीन महीनों में एक्सपायर होने वाली हैं। कुछ ऐसे आइटम हैं जिनके बारे में शिक्षकों को भी जानकारी नहीं कि वे किस काम के हैं। बारना, उदारसी, डेरा पुन्नूराम, झिरबड़ी, डेरा बाजीगर उमरी प्राथमिक पाठशाला के प्राथमिक चिकित्सा बॉक्सों की पड़ताल की गई तो दवाइयों के 23 आइटमों में से अधिकतर एक्सपायरी मिले। इनमें ट्रिंगुलर बैंडेड, फिंगर स्माल ड्रेसिंग, मरहम शामिल हैं। इसके अलावा कई दवाइयों के रैपर दीमक चट कर चुके हैं। बॉक्स में रखे लकड़ी के छोटे-छोटे फट्टे व टिन किस कार्य के लिए हैं, अध्यापकों को भी नहीं पता। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सतप्रकाश सैनी व महासचिव पवन मित्तल ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि कोई भी सामान विशेषतौर पर स्वास्थ्य से संबंधित दवाइयों को जांच के उपरांत ही स्कूलों में भेजें।