Wednesday 20 July 2011

चेयरमैन व सदस्यों की भर्ती के मानदंड के मामले पर हाईकोर्ट सख्त

हरियाणा-पंजाब सरकार से जवाब तलब
चंडीगढ़ 
हरीश राय ढांडा की पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन (पीपीएससी) के चेयरमैन पद पर नियुक्ति खटाई में पड़ गई है। मंगलवार को नियुक्ति को चुनौती याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के तीन सदस्यीय बैंच ने मामले में हरियाणा सरकार को भी प्रतिवादी बनाते हुए हरियाणा व पंजाब सरकार से राज्य लोक सेवा आयोग के चेयरमैन, सचिव व सदस्यों की नियुक्ति के मानदंड पर जवाब मांगा है। जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस प्रमोद कोहली व जस्टिस के कन्नन की बैंच ने साथ ही पंजाब व हरियाणा लोक सेवा आयोग से पूछा कि बीते पांच सालों में कितने पद उनके माध्यम से भरे गए, कितने खाली रहे और कितने उनके दायरे से बाहर कर दिए गए। मामले पर एक अगस्त के लिए अगली सुनवाई तय की गई है। 13 जुलाई को हरीश राय ढांडा की नियुक्ति पीपीएससी के चेयरमैन पद पर की जा रही थी। राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह भी तय कर लिया गया था। उसी दिन नियुक्ति को चुनौती पर पंजाब सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया कि याचिका के विचाराधीन रहते नियुक्ति नहीं की जाएगी। इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह स्थगित कर दिया गया था। मंगलवार को ढांडा की तरफ से वरिष्ठ वकील पीपी राव अदालत में पेश हुए।
यह है मामला 
पंचकूला निवासी सलिल सबलोक की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि हरीश राय ढांडा लुधियाना वेस्ट से शिरोमणि अकाली दल के विधायक हैं। ऐसे में पंजाब सरकार इस संवैधानिक पद पर अपने चहेते उम्मीदवार की नियुक्ति कर रही है। याची के वकील डीएस पटवालिया ने कहा कि ढांडा की नियुक्ति पूरी तरह से उनकी राजनीतिक करीबी के चलते की जा रही है। ढांडा उस विशेष समिति के इंचार्ज थे, जिसने अमृतसर नगर सुधार समिति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह को दोषी करार देते हुए उन्हें विधानसभा की सदस्यता से निष्कासित किए जाने की सिफारिश की गई थी। ऐसे में यह नियुक्ति सरकार उन्हें पुरस्कार के तौर पर दे रही है।
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