चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछड़ा वर्ग को कम आरक्षण देने पर राज्य सरकार व हरियाणा लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने नोटिस अंबाला निवासी तिलक राज द्वारा एकल बेंच के फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में दायर अपील पर जारी किया है। याचिकाकर्ता के अनुसार हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा स्कूल काडर के लेक्चरर की भर्ती में हरियाणा के पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को केवल 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है, जबकि कानूनी तौर पर यह आरक्षण 27 प्रतिशत होना चाहिए। याचिकाकर्ता की याचिका के अनुसार संवैधानिक तौर पर पिछड़े वर्गो को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, लेकिन सरकार द्वारा 2009 में स्कूल लेक्चरर के विज्ञापन में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसकी भर्ती प्रक्रिया अभी जारी है। 2009 में भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में 1317 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन मांगा गया था। नियमों के अनुसार पिछड़े वर्ग के लिए 351 सीटें आरक्षित होनी चाहिए थीं, लेकिन पिछड़े वर्ग को केवल 129 सीट दी गई। इससे पिछड़ा वर्ग को 222 पदों का नुकसान हुआ। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि 2006 में भी स्कूल काडर के लेक्चरर के लिए 804 पदों का विज्ञापन निकाला गया था। इनमें से 216 सीट पिछड़ा वर्ग को मिलनी चाहिए थीं, लेकिन पिछड़े वर्ग के लिए केवल 83 पद दिए गए। 2006 व 2009 के विज्ञापन के अनुसार निकाले गए पदों में पिछड़े वर्ग के कोटे की कुल 355 सीटों को अन्य वर्ग से भर दिया गया। याचिकाकर्ता की अपील को एकल बेंच ने यह कहते हुए रद कर दिया था कि मामला काफी देर से दायर किया गया है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि एससी वर्ग को भी कोटे से कम आरक्षण दिया गया है। एकल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि बेंच इस केस के आधारभूत तथ्यों को समझ नहीं पाई है।