Wednesday, 1 June 2011

पत्राचार बीएड वालों को भी विशिष्ट बीटीसी में मौका!

अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पत्राचार बीएड करने वालों को भी विशिष्ट बीटीसी भर्ती में शामिल होने का मौका मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से राय मांगी है। साथ ही, वर्ष 2007 में हुई विशिष्ट बीटीसी की चयन प्रक्रिया में मेरिट में आने वालों को भी प्रशिक्षण का मौका दिया जाएगा।
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए विशिष्ट बीटीसी कोर्स के लिए बीएड डिग्रीधारकों से आवेदन मांगे जाते हैं। छह माह के कोर्स के बाद प्रशिक्षणार्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की नियुक्ति दी जाती है। सरकार ने वर्ष 2007 में विशिष्ट बीटीसी की 88 हजार सीटों के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें पत्राचार से बीएड वालों ने भी आवेदन किया था, लेकिन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इन्हें इससे अलग कर दिया था। ऐसे डिग्रीधारकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो फैसला उनके पक्ष में हुआ। इसके बाद एससीईआरटी ने 31 अक्तूबर 07 तक आवेदन फार्म जमा करने की तारीख बढ़ाकर पत्राचार से बीएड करने वालों के भी आवेदन ले लिए गए लेकिन एससीईआरटी ने आवेदन लेने के बाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया।
इसके बाद एससीईआरटी ने पत्राचार से बीएड करने वालों को चयन प्रक्रिया से अलग कर दिया लेकिन जो मेरिट जारी की गई, उसमें पत्राचार वाले करीब 1000 ऐसे डिग्रीधारक थे जो मेरिट में आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पत्राचार डिग्रीधारकों ने डबल बेंच में चुनौती दी। डबल बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि मेरिट में आने वाले पत्राचार डिग्रीधारकों को भी विशिष्ट बीटीसी का छह माह का प्रशिक्षण दिया जाए। इसकी अगली सुनवाई अगस्त में होनी है।
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