जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब में ईजीएस अध्यापकों के लिए विशेष तौर पर शुरू किए गए ईटीटी कोर्स की परीक्षा के दौरान पेपर लीक मामले की जांच रिपोर्ट शिक्षा मंत्री सेवा सिंह सेखवां को सौंप दी गई। जांच शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव संजय पोपली ने की है। उधर पंजाब एससीईआरटी के निदेशक अवतार सिंह ने सीबीआई जांच की मांग कर समूचे मामले को नया मोड़ दे दिया। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में दावा किया कि उनकी जानकारी में कहीं कोई पेपर लीक नहीं हुआ। यदि पेपर लीक होकर शिक्षा मंत्री सेवा सिंह सेखवां के पास पहुंचा है तो सबसे पहले पेपर पहुंचाने वाले व्यक्ति से जांच की शुरुआत होनी चाहिए और सख्ती से पूछताछ कर पेपर लीक करने वाले केंद्र व अधिकारियों तक पहुंचना चाहिए। वास्तव में यह कहानी निजी क्षेत्र के ईटीटी कालेजों के विद्यार्थियों की परीक्षाएं लेने के लिए गढ़ी है। इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई। नियमानुसार आरोपी विद्यार्थियों की परीक्षाएं नहीं ली जा सकतीं। मामला अदालत में भी है। उन पर (अवतार सिंह पर) लगातार परीक्षा लेने और अदालत से केस वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। अब उन्हें रास्ते से हटाने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश रची जा रही है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में शिक्षा विभाग के तीन अधिकारियों पर गाज गिरी है। इनमें दो अधिकारी एससीईआरटी विभाग से संबंधित बताए जाते हैं जबकि एक शिक्षा मंडल अधिकारी है, जो पहले एससीईआरटी विभाग में तैनात था। शिक्षा मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने इस रिपोर्ट की पुष्टि करने के बजाय टालमटोल का रवैया अपनाया। उनके मोबाइल फोन पर बार-बार संपर्क करने पर यही कहा जाता रहा कि इस मामले पर बाद में बात की जाएगी। उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट अभी अधूरी है, जबकि विभागीय सूत्रों के अनुसार तीन अधिकारियों को आरोपी ठहराते हुए निलंबित करने की सिफारिश की गई है। वर्णनीय है कि ईटीटी पेपर लीक का मामला गत 11 मई को पेपर होने के उपरांत सामने आया था, जिसके बाद एससीईआरटी ने 12 मई का पेपर रद कर दिया था। उधर ईटीटी यूनियन का आरोप है कि एक पेपर की आड़ में ईटीटी के पहले हुए सभी पेपर रद कर दिए गए हैं। पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच हो : यूनियन सरकार के निर्णय के तहत ईटीटी कोर्स कर रहे 2000 से ज्यादा विद्यार्थियों पर आधारित ईजीएस टीचर यूनियन ने ईटीटी पेपर लीक कांड को ड्रामा करार देते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की। यनियन के अध्यक्ष प्रितपाल सिंह ने शिक्षा मंत्रालय पर आरोप लगाया कि यह ड्रामा निजी ईटीटी संस्थानों के साथ की गई सांठ-गांठ का नतीजा है। इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि ईटीटी पेपर लीक का मामला 11 मई को सामने आता है और उससे पहले लिए आठ पेपर भी इसी को बहाना बनाकर रद कर दिए गए। प्रितपाल ने बताया कि उन्होंने आज शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर ऐसी बेइंसाफी न करने की अपील की थी, लेकिन इनका कहना है कि एक नहीं सभी पेपर लीक हुए थे, इसलिए सभी पेपर रद कर दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नियमों की अनदेखी कर निजी ईटीटी संस्थानों के विद्यार्थियों की परीक्षाएं लेने के लिए इस साजिश को अंजाम दिया गया है और उनका भविष्य दांव पर लगाया गया है। इसके विरोध में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र जलालाबाद में आमरण अनशन व रोष प्रदर्शन शुरू किया जा रहा है।