दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) पास बेरोजगार भी शिक्षक भर्ती के लिए योग्य नहीं रह जाएंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना के बाद शिक्षक भर्ती के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे राज्य परीक्षा पास उम्मीदवारों के लिए निश्चित तौर पर परेशानी बढ़ गई है। यह परीक्षाएं प्रदेश में पहली बार जून माह में होने जा रही हैं। हालांकि शिक्षा विभाग ने इसके लिए केंद्र को चिट्ठी लिखी है ताकि स्टेट परीक्षा पास अध्यापक भी नौकरी के लिए योग्य बने रहें। अतिथि अध्यापकों के मामले में सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग ने एनसीटीई की इस अधिसूचना की जानकारी पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में दी थी। इसके अनुसार उन अध्यापकों की ही भर्ती हो सकती है, जिसने एनसीटीई द्वारा तय पाठयक्रम व शैली के आधार पर आयोजित टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। कोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार टीईटी आयोजित करने के लिए राज्य सरकार एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी। नोडल अधिकारी एनसीटीई के दिशा निर्देशों के अनुसार काम करेगा। इसके तहत ही टीईटी की परीक्षा आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार को हर परीक्षा की जानकारी एनसीटीई को देनी होगी। एनसीटीई इसका पूरा डाटाबेस अपने पास रखेगी। टीईटी प्रमाणपत्र की अधिकतम सीमा सात साल होगी। परीक्षा साल में कम से कम एक बार आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में कम से कम 60 फीसदी अंक लेने वाले ही अध्यापक पद के लिए योग्य होंगे। राज्य में अभी तक इसके तहत कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। इस कारण अधिसूचना के अनुसार राज्य में अब नियमित भर्ती के लिए कोई भी शिक्षक योग्य नहीं है। राज्य सरकार द्वारा ली गई अध्यापक पात्रता परीक्षा का पैटर्न एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं है। सरकार ने हाईकोर्ट में यह जानकारी दी कि राज्य में अध्यापकों के सभी रिक्त पदों पर 31 दिसंबर तक नियमित नियुक्ति कर दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने हाईकोर्ट में एक कार्ययोजना भी हाईकोर्ट की खंडपीठ के सामने दी है।