Monday 6 August 2012

रेगुलर लेक्चरर न रखने पर सरकार को फटकार


जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह ने प्रदेश सरकार द्वारा कॉलेज गेस्ट लेक्चरर को हटाकर उनकी जगह नियमित लेक्चरर की नियुक्ति प्रकिया में देरी करने पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार एक तय समय अवधि में गेस्ट लेक्चरर को हटाकर नियमित लेक्चरर की नियुक्ति करे। खंडपीठ ने सरकार से चार सप्ताह में इस बाबत पूर्ण जानकारी कोर्ट में देने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट ने यह आदेश सिरसा निवासी राकेश कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिकाकर्ता ने अपने वकील जगबीर सिंह मलिक के माध्यम से याचिका दायर करके मांग की है कि राज्य के कॉलेजों में लेक्चरर के रिक्त सभी पद तुरंत भरे जाए तथा तथा इन पदों पर गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति न की जाए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के कॉलेजों में इस समय लगभग 500 से ज्यादा गेस्ट लेक्चरर कार्यरत हैं। जो 2007 से सरकार द्वारा सेंक्शन पदों पर काम कर रहे हैं। 2007 में सरकार ने एक नीति के तहत कॉलेजों के प्रमुखों को निर्देश जारी कर गेस्ट लेक्चरर लगाने की इजाजत थी जिस कारण अब तक सैकड़ों गेस्ट लेक्चरर विभिन्न कालेजों में नियुक्त किए जा चुके है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट की एक फैसले का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि गेस्ट और ठेके पर किसी भी विभाग में कोई नियुक्ति अगर होती है तो वह छह माह से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसा भी किसी विशेष कारण पर ही हो सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश सरकार इन गेस्ट लेक्चरर को नियमित करने की योजना बना रही है जबकि इनकी नियुक्ति बगैर किसी नियम व विज्ञापन प्रकाशन के कॅालेज के मुखिया द्वारा की गई है।
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