•हरियाणा में टीचर भरती नियमों में बदलाव
•शिक्षक संघ कर रहे थे भरती नीति का विरोध
•अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़।
हरियाणा में टीचरों की नियुक्ति अब ठेके पर न होकर नियमित आधार पर होगी।
12 हफ्ते की गर्भवती आवेदकों को भी नियुक्ति देने का फैसला कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने
हरियाणा स्टेट एजूकेशन स्कूल कैडर सर्विस रूल्स में इन दोनों शर्तों में
संशोधन को मंजूरी दे दी है। प्रदेश में टीचर भरती नियमों में बदलाव के
संबंध में अमर उजाला ने 21 अप्रैल को खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद प्रदेश
में शिक्षक संघ नियमों में बदलाव का विरोध जताने लगे थे। शिक्षक संघों के
दबाव को देखते हुए सरकार ने नियमों में संशोधन का फैसला लिया है। हालांकि
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) से दी गई छूट का फैसला अभी जस का तस है।
संशोधित किए गए दो नियमों को भी अभी अधिसूचित किया जाना है। प्रदेश सरकार
के प्रवक्ता ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षकों
की नियुक्ति अनुबंध के बजाय नियमित तौर पर करने को मंजूरी दे दी है। सरकार
ने 11 अप्रैल को नए नियम अधिसूचित किए थे। इसके तहत एक-एक साल करके पांच
साल तक कांट्रेक्ट पर नियुक्ति करने के बाद टीचरों को नियमित किया जाना था।
पांच साल तक टीचरों को केवल बेसिक पे और ग्रेड पे ही मिलने थे और छुट्टी
भी सिर्फ एक महीने में एक ही मिलनी थी। अब रेगुलर नियुक्ति होने पर पहले
दिन से पूरा वेतन मिलेगा।
प्रवक्ता ने कहा
कि मुख्यमंत्री ने नियमों से उस शर्त को भी हटाने का फैसला किया है जिसमें
12 सप्ताह से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को प्रसूति से पहले कांट्रेक्ट पर
नियुक्ति नहीं देना तय किया गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा में गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए जल्द ही 15 हजार टीचरों की नियुक्ति की जाएगी।