Wednesday, 18 January 2012

अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल बढ़ाने के प्रयास का विरोध

भिवानी, 17 जनवरी (हप्र)। प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि अध्यापकों को 31 मार्च को पदमुक्त करने की बजाए 30 सितंबर तक कार्यकाल बढ़ाने के फैसले के लिए दोबारा कोर्ट की शरण लेने से पात्र अध्यापक संघ के गुस्से में उबाल ला दिया है।
पात्र अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ अब संघर्ष का रुख अख्तियार कर लिया है। संघ ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को वापस लेने के लिए 5 फरवरी को सभी आयुक्त कार्यालयों पर बड़ी रैलियां कर मार्च के प्रथम सप्ताह में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी व प्रदेश के मुख्यमंत्री हुड्डा के आवास पर प्रमाणपत्रों की होली जलाने का निर्णय लिया है। पात्र संघ ने अब इंसाफ के लिए कोर्ट व सड़क दोनों जगहों पर लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने राजकीय विद्याालयों में भाषा सहित अन्य शिक्षकों के रिक्त पदों पर वर्ष 2005-2006 में मात्र एक सत्र के लिए दिल्ली व राजस्थान की तर्ज पर ीडग्रीधारी शिक्षकों की भर्ती की थी लेकिन बाद में वे सरकार पर दबाव बनाते चल गए और सरकार भी उनकों पदमुक्त कर उनके स्थान पर नई भर्ती नहीं कर पाई है जिससे तीन बार एक ही विषयों में पात्रता उत्तीर्ण कर चुके पात्रता-प्राप्त शिक्षकों में प्रदेश सरकार की लचर प्रणाली से रोष बना हुआ है।
पात्र अध्यापक संघ ने दो वर्ष पूर्व ही हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अतिथि अध्यापकों की भर्ती में भरती गई अनिमियतताओं व सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर पर रोक लगाने की मांग की। संघ ने कोर्ट से तुरंत प्रभाव से अतिथि अध्यापकों को हटा कर नियमित भर्ती की मांग की तो प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त ने प्रशासनिक अड़चनों का हवाला दे कर जल्द समय में भर्ती करने पर असमर्थता जताई। शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में बरती गई धांधली की राजपत्रित अधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच करने व नई भर्ती करने के लिए लिए 31 मार्च 2012 तक का समय मांगा। 31 मार्च 2011 को चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शिक्षा विभाग के पूरे शैड्यूल सहित जारी हल्फनामे पर भरोसा करते हुए उनको 31 मार्च 2012 तक की एक वर्ष का समयावधि  देने का निर्णय लिया। प्रदेश सरकार ने समयावधि मिलते ही फिर से वहीं लचीलापन अपनाना आरंभ कर दिया और पहले तो छह माह तक सारे प्रकरण पर भी चुप्पी साधे रखी और फिर ज्योंही समय नजदीकी आया तो शिक्षक भर्ती के लिए एक अलग बोर्ड का गठन की कार्यवाही शुरु कर दी। प्रदेश में तीन बार पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर शिक्षक बनने का सपना लेने वाले पात्र अध्यापकों को उस समय करारा झटका लगा जब प्रदेश सरकार ने 31 मार्च को अतिथि अध्यापकों को पदमुक्त करने के बजाए दोबारा कोर्ट को हल्फनामा देकर वर्तमान समय में शिक्षकों के पदों पर नियमित भर्ती न करने की बात कह कर 30 सितंबर तक और समय देने की मांग की है।  जिलाध्यक्षाो व राज्यस्तरीय पदाधिकारियों से विचार विमर्श कर अपने हकों के लिए प्रदेश सरकार से कोर्ट व सड़क दोनों पर आंदोलन करने का फैसला किया है। पात्र अध्यापक संघ ने कहा कि पंद्रह हजार अतिथि अध्यापकों के मुकाबले प्रदेश सरकार पच्चास हजार डिग्रीधारी के हितों को दरकिनार कर रही है जो न्यायसंगत नहीं है। संघ ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को वापस लेने के लिए 5 फरवरी को सभी आयुक्त कार्यालयों पर बड़ी रैलियां कर मार्च के प्रथम सप्ताह में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी व प्रदेश के मुख्यमंत्री हुड्डा के आवास पर प्रमाणपत्रों की होली जलाने का निर्णय लिया है।
;