Monday, 23 January 2012

संस्कृत शिक्षक पढ़ा रहे विज्ञान

राकेश कुमार शर्मा, हिसार संस्कृत के शिक्षक यदि रसायन या भौतिक विज्ञान की गुत्थी सुलझाते हुए नजर आएं तो अजब ही लगेगा। हालांकि प्रदेश के शिक्षा विभाग को इससे कोई परेशानी नहीं हो रही। प्रदेश में 500 से भी अधिक अतिथि अध्यापक अन्य विषय की पढ़ाई करा रहे हैं। यह खुलासा दलीप सिंह द्वारा सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है। उन्हें बताया गया कि जीएसएसए पी बरोदा में लगी विज्ञान की अतिथि अध्यापक सरोज शास्त्री बीएड हैं। जीएसएसएस चिंदर (3271) में लगे सोसल साइंस के अतिथि अध्यापक एमएससी बीएड हैं। जीएचएस नथुवाला(3412) में लगी सोसल साइंस की अतिथि अध्यापक रमनजीत कौर बीएससी बीएड हैं। जीएचएस दौलत पुर में लगी विज्ञान की अतिथि अध्यापक लवलीन एमए बीएड हैं। जीएचएसए पी बरोदा में अंगे्रजी की अतिथि अध्यापक मोनिका बीएससी हैं। मामले के प्रकाश में आने के बाद प्रदेश स्तर पर सात उप निदेशकों की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी जिसने पूरे प्रदेश के गेस्ट शिक्षकों की फाइल देखी। इस जांच के दौरान 500 से अधिक ऐसे अतिथि अध्यापकों के संबंध में पता चला जो अन्य विषय की योग्यता होने के बावजूद दूसरे विषय की पढ़ाई करा रहे हैं। इस संबंध में उप निदेशक व उस समय हिसार सहित अन्य जिलों में अतिथि अध्यापकों की जांच कर रहे जिले सिंह ने बताया कि जांच के दौरान कुछ मामले सामने आए थे। उनकी फाइल बनाकर विभाग को सौंप दी गई थी। आगे विभाग ने क्या किया उसके बारे में वह कुछ नहीं जानते। हिंदी के लिए 12वीं या शास्त्री :राजेश शास्त्री द्वारा दाखिल की गई आरटीआइ के जवाब में बताया गया है कि हिंदी विषय के लिए ऐसे अतिथि अध्यापकों की भी नियुक्ति कर दी गई है जो केवल 12वीं या शास्त्री हैं। इनमें कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जो खेल के शिक्षक बन सकते थे।
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