Monday, 26 December 2011

ग्राउंड नहीं तो मान्यता रद्द

शिक्षा व खेल मंत्रालय की सख्ती, हर स्कूल में खेल मैदान व दो पीरियड अलग से लगाने के निर्देश, सरकारी स्कूलों में सीधी कार्रवाई, , सर्वे कर रिपोर्ट मांगी 
हरियाणा सरकार खिलाडिय़ों को तैयार करने के मामले में किसी तरह को कोताही करने वालों को बख्शने के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जहां खेल एवं शिक्षा मंत्रालयों से मिल-जुलकर कार्य करने को कहा है। वहीं शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने तीखे तेवर अपना लिए हैं। निजी स्कूलों को साफ तौर पर निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे आठवीं तक के स्कूलों में भी खेल मैदान सुनिश्चित करें। साथ ही खेल एवं शारीरिक शिक्षा के दो अलग-अलग पीरियड लगाएं। ऐसा नहीं करने पर निजी स्कूलों की मान्यता रद्द हो जाएगी।

सरकार स्कूलों में इस कोताही का जिम्मेदार स्कूल प्रभारी एवं जिले का शिक्षा अधिकारी होगा। शिक्षा मंत्रालय ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों से सर्वे कर रिपोर्ट मांगी है। इस कड़ी में राज्य के खेल विभाग ने भी जिलों के खेल अधिकारियों से रिपोर्ट की तैयारी को कहा है। शिक्षा के अधिकार की तरह राज्य में खेल के अधिकार के कानून की दिशा में सरकार सख्त कदम उठा रही है। खेल निदेशक सीनियर आईपीएस ओपी सिंह यह बात देश के खेल मंत्री अजय माकन से भी कह चुके हैं।

माना जा रहा है कि यह सब मुख्यमंत्री हुड्डा के राइट टू प्ले की दिशा में अगला कदम है। खेल निदेशक ओपी सिंह का कहना है कि हाल ही संपन्न हुए स्पैट टैस्ट में जिस तरह बच्चों ने रुचि दिखाई है। इससे जाहिर है कि समूचा हरियाणा खेल नर्सरी बनता जा रहा है। अब शिक्षा विभाग के नए निर्देश भी कारगर साबित होंगे। खेल विभाग ने भी पूरी तैयारी कर ली है।

नए नियम बनाए गए

॥खेल के मामले में पहली से आठवीं तक स्कूलों में ग्राउंड नहीं होने की दिशा में मान्यता रद्द होगी। नए नियम बना कर दे दिए गए हैं। दो पीरियड भी अलग लगाने होंगे। पूरे सर्वे के बाद नए सत्र से स्कूलों का माहौल अलग ही होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हुड्डा के निर्देश पर खेल की दिशा में शिक्षा विभाग पूरी तरह जुटा है।’’ गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा
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