एचटेट में फिजिकल एजुकेशन के अभ्यर्थियों को सामाजिक विज्ञान का पर्चा देने व उसके भी नंबर न जोड़े जाने से खफा अभ्यार्थियों ने बोर्ड परिसर में जमकर नारेबाजी की। अभ्यार्थियों ने दोबारा जांच कराने की मांग की।
सोमवार को एचटेट में एक इकाई के शून्य अंक लगाए जाने से खफा अभ्यर्थी बोर्ड परिसर में एकत्रित हुए तथा नारेबाजी कर रोष जताया। अभ्यार्थियों ने बताया कि वे फिजिकल एजूकेशन के अभ्यर्थी थे तथा उन्हें जो सिलेबस दिया गया वह सामाजिक का था। इसके बावजूद भी उन्होंने सामाजिक के प्रश्न किए। मगर जब रिजल्ट देखा तो हैरान रह गए। उस विषय के अंक ही नहीं जोड़े गए और शून्य दर्शाया गया। कई अभ्यार्थियों को दो-दो इकाइयों में शून्य दर्शाया गया है। इस लिए उनकी उत्तरपुस्तिकाओं की दोबारा जांच कर सही अंक दिए जाए। रोष जताने वालों में नरेश, पूनम, रामप्यारी, दिनेश, सुमनलता, रणजीत, वेदप्रकाश, रामपाल, मंजीत, संजय, कमल, सतीश आदि शामिल रहे।
एक विकलांग अभ्यर्थी कपिल देव ने आरोप लगाया कि बोर्ड एच टेट मामले में अपने ही नियमों से मुकर रहा है। वह एससी उम्मीदवार है और विकलांग भी है। बोर्ड नियमों के अनुसार एससी उम्मीदवार को एच टेट में पास होने के लिए 55 प्रतिशत यानी साढ़े 82 अंक होने चाहिए। उसके 85 अंक है। इसके बावजूद उसे फेल कर दिया गया। एससी उम्मीदवार होने के बावजूद उसे किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई।
सोमवार को एचटेट में एक इकाई के शून्य अंक लगाए जाने से खफा अभ्यर्थी बोर्ड परिसर में एकत्रित हुए तथा नारेबाजी कर रोष जताया। अभ्यार्थियों ने बताया कि वे फिजिकल एजूकेशन के अभ्यर्थी थे तथा उन्हें जो सिलेबस दिया गया वह सामाजिक का था। इसके बावजूद भी उन्होंने सामाजिक के प्रश्न किए। मगर जब रिजल्ट देखा तो हैरान रह गए। उस विषय के अंक ही नहीं जोड़े गए और शून्य दर्शाया गया। कई अभ्यार्थियों को दो-दो इकाइयों में शून्य दर्शाया गया है। इस लिए उनकी उत्तरपुस्तिकाओं की दोबारा जांच कर सही अंक दिए जाए। रोष जताने वालों में नरेश, पूनम, रामप्यारी, दिनेश, सुमनलता, रणजीत, वेदप्रकाश, रामपाल, मंजीत, संजय, कमल, सतीश आदि शामिल रहे।
एक विकलांग अभ्यर्थी कपिल देव ने आरोप लगाया कि बोर्ड एच टेट मामले में अपने ही नियमों से मुकर रहा है। वह एससी उम्मीदवार है और विकलांग भी है। बोर्ड नियमों के अनुसार एससी उम्मीदवार को एच टेट में पास होने के लिए 55 प्रतिशत यानी साढ़े 82 अंक होने चाहिए। उसके 85 अंक है। इसके बावजूद उसे फेल कर दिया गया। एससी उम्मीदवार होने के बावजूद उसे किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई।