झज्जर, जागरण संवाद केंद्र : प्रदेश की शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि शिक्षा विभाग में जल्द ही मौलिक शिक्षा व सेकेंडरी शिक्षा के लिए अलग-अलग खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) होंगे। इस कार्य से शिक्षा विभाग की कार्यक्षमता बढ़ेगी और विभाग के अधिकारियों पर वर्कलोड कम होगा। उन्होंने यह बात शहर में अपने निवास स्थान पर रविवार को लोगों की समस्याएं सुनने के बाद कही। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीईओ के पद को एचसीएस अलाइड सेवा में शामिल किए जाने से जहां खंड शिक्षा अधिकारियों के पदों में इजाफा होगा। मुख्यमंत्री प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गंभीर हैं। जिस कारण शिक्षा की दृष्टि से पिछले ब्लाक में आरोह स्कूल तथा किसान मॉडल स्कूल जैसी परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। उन्होंने शिक्षकों की भर्ती से संबंध में कहा कि प्रदेश सरकार की आरक्षण नीति के तहत आरोह स्कूलों के लिए भर्ती होने वाले शिक्षकों की भर्ती में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अन्य जरूरमंद वर्गो को आरक्षण दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत स्कूलों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। साथ ही जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम है, वहां नए सत्र में ज्यादा से ज्यादा दाखिले कराने का प्रयास किया जाएगा और ड्रॉप आउट की संख्या में कमी लाने की कोशिश की जाएगी।शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग में पदोन्नति का लंबे समय से इंतजार कर रहें कर्मचारियों, अधिकारियों व शिक्षकों को जल्द ही खुशखबरी मिलेगी। पदोन्नति से संबंधित फाइलें आगे बढ़ाई जा चुकी हैं। लोकपाल विधेयक के संबंध में शिक्षा मंत्री ने कहां कि इस मामले में कांग्रेस का शुरू से सशक्त लोकपाल लाने की नीति रहीं थी। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन के नेतृत्व में सरकार 21 दिसंबर को सदन में सशक्त लोकपाल बिल पेश करेगी और फिर इस पर लोकसभा व राज्यसभा में चर्चा कराई जाएगी। ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई को मजबूती मिल सके।