Saturday, 17 December 2011

विधवा की मांग पर गौर नहीं किया सरकार पर 50 हजार जुर्माना

चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : एक दशक बाद भी हेड कांस्टेबल की विधवा की मांग पर गौर नहीं करने पर राज्य सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए पीडि़ता को ढाई लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया है। हरियाणा पुलिस के केड कांस्टेबल रा¨जद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद उसकी विधवा सावित्री देवी ने सरकार से अनुकम्पा के आधार पर नौकरी की मांग की थी। ध्यान नहीं दिए जाने पर उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रणजीत ¨सह ने कहा कि यह हैरानी और बेहद शर्म की बात है कि सरकार ने हेड कांस्टेबल की विधवा को अभी तक अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग पर कोई भी ध्यान नहीं दिया है। सावित्री के पति की 12 वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। तब उसने अनुकंपा के आधार पर अपने बेटे के लिए चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी की मांग की थी। बदकिस्मती से इस बीच उसके बेटे की भी मृत्यु हो गई। तब से वह अपने लिए महज चतुर्थ श्रेणी की नौकरी की अनुकंपा के आधार पर मांग कर रही है। हरियाणा सरकार के पिछले तीन वर्षो से उनके पास चतुर्थ श्रेणी का कोई पद खाली नहीं होने के जवाब पर जस्टिस रणजीत ¨सह ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि चतुर्थ श्रेणी का एक भी पद खाली नहीं है यह विश्वास योग्य नहीं है। इस पर अदालत ने सरकार पर 50 हजार रुपये जुर्माना ठोकते हुए सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सावित्री देवी को ढाई लाख रुपये हर्जाने के रूप में अदा करे।
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