Thursday, 10 November 2011

हाईकोर्ट ने स्वामी विवेकानंद कालेज पर किया जुर्माना

जेबीटी कोर्स में अधिक राशि वसूलने पर दिए आदेश 
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अलेवा निवासी नीलमणि पुत्री रामकुमार कवि राज शास्त्री की शिकायत पर जेबीटी में मेरिट के आधार पर अधिक राशि मांगने पर यमुनानगर के अलहर गांव स्थित स्वामी विवेकानंद कालेज आफ एजुकेशन प्रबंधन पर 25 हजार रुपए बतौर जुर्माना छात्रा को देने के निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने सरकार एवं शिक्षा विभाग को ऐसे निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने व इसकी औचक जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वाड गठित करने के निर्देश दिए हैं।

नीलमणि के पिता रामकुमार शास्त्री ने बताया कि शिक्षा विभाग की स्टेट काउंसिलिंग आफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर गुडग़ांव द्वारा 7 दिसंबर 2010 को नीलमणि का मैरिट के आधार पर जेबीटी में नंबर आया था। शिक्षा विभाग एससीईआरटी गुडग़ांव के इंचार्ज करूनेश भारद्वाज ने शिक्षा निदेशक स्नेहलता के आदेशानुसार पत्र क्रमांक 160846 के माध्यम से यमुनानगर के अलहर गांव स्थित स्वामी विवेकानंद कालेज आफ एजुकेशन में एलाटमेंट पत्र सी-10 वाईएनएसवीए-20 के तहत उसे सीट आवंटित की थी। 8 दिसंबर विभाग द्वारा भेजे गए अलाटमेंट लेटर के माध्यम से कालेज में दाखिला कराने का अनुरोध किया। कालेज प्रबंधन ने उनसे इस कोर्स में दाखिले के लिए 46 हजार 400 रुपए मांगे, जबकि शिक्षा विभाग द्वारा इस कोर्स की फीस 18 हजार 400 रुपए वार्षिक निर्धारित है। कालेज प्रबंधन के इस रवैये से नाराज छात्रा के पिता ने इसकी शिकायत राष्ट्रपति, सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा, शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग गुडग़ांव के निदेशक से की। आखिरकार हाईकोर्ट से नीलमणि को न्याय मिला। कालेज प्रबंधन पर लगाए गए जुर्माने के अलावा कोर्ट ने एससीईआरटी शिक्षा विभाग गुडग़ांव को छात्रा का जींद या अलेवा के नजदीक किसी भी जेबीटी सेंटर में दाखिला कराने के आदेश दिए हैं। 
विभागों ने नहीं सुनी फरियाद 
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग को की शिकायत का भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ और कालेज प्रबंधन द्वारा मांगी गई अधिक फीस न दे पाने के कारण नीलमणि का प्रवेश नहीं हो सका। इसके बाद रामकुमार ने हाईकोर्ट की शरण ली। 
;