राकेश कुमार शर्मा, हिसार शिक्षा बच्चों के भविष्य की नीव के साथ उसके हर स्तंभ को मजबूत करती है। शिक्षा पाने के बाद बच्चे अपने भविष्य को खुद ही सवार सकते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर प्रदेशभर के बच्चों को स्कूल पहुंचाने का जिम्मा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के हाथ में सौंप दिया गया है। 11 नंवबर को शिक्षा का हक योजना लांच होने के बाद स्कूल मैनेजमेंट कमेटी स्कूल में कार्यक्रम कर अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल में भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही अपने स्तर पर गांव आदि में रैली कर स्कूल के बाहर रह गए 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा के दायरे में लाया जाएगा। इस दौरान एसएमसी प्रधान प्रधानमंत्री का पत्र पढ़ेंगे। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी मित्रसेन मल्होत्रा ने बताया कि शिक्षा के अधिकार को लागू करने के लिए शनिवार को बैठक हुई जिसमें इसे किस प्रकार से लागू करना है का पूरा खाका तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि इस बैठक में 11 नंवबर को होने वाले कार्यक्रम के संबंध में भी विस्तार ने बताया गया। वहीं अन्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि 11 नंवबर को लांच हो जाने के बाद सभी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की बैठक होगी जो 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को स्कूल में लाने के लिए रणनीति तैयार करेगी। इसके अतिरिक्त वह गांव स्तर पर जागरूकता रैली भी निकाली जाएगी जिसके माध्यम से हर अभिभावक को प्रेरित किया जाएगा कि वह अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजे। नेबरहुड स्कूल को दिया जाएगा भत्ता शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में 25 फीसदी सीटें आरक्षित करने के बदले केवल उन्हीं स्कूलों को सरकार के तरफ से भत्ता या सरकारी स्कूल के बराबर खर्चा दिया जाएगा जिन्हें शिक्षा अधिकारी नेबरहुड स्कूल के तहत चयनित करेंगे। इस बारे में शिक्षा अधिकारी का कहना है कि आरटीई सभी निजी स्कूलों में लागू किया जा रहा है और इसके तहत सभी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें आरक्षित करना स्कूल के लिए अनिवार्य है, लेकिन अभिभावक अपने पंसद से बच्चे को किसी भी निजी स्कूल में नहीं पढ़ने भेज सकते बल्कि पहले बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजा जाएगा। यदि क्षेत्र में सरकारी स्कूल नहीं है तो नेबरहुड स्कूल का चयन किया जाएगा और वहां बच्चों को पढ़ने के लिए मौका दिया जाएगा। इस स्कूल में बच्चे को पढ़ाने के दौरान आने वाले खर्च सरकार वहन करेंगी।