नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : इंजीनियरिंग व मेडिकल समेत तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में कैपिटेशन फीस और डोनेशन जैसी मनमानी पर सरकार ने नकेल कसने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंजीनियरिंग व मेडिकल समेत तकनीकी शिक्षण संस्थाओं से संबंधित अनुचित कार्यकलाप विधेयक में संशोधन कर उसे उच्च शिक्षा संस्थान कानून-2011 बनाने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पारित संशोधनों के मुताबिक शिक्षण संस्थानों को शिक्षकों की भर्ती के लिए भी केंद्र के मानकों का पालन करना होगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक डोनेशन और कैपिटेशन की शिकायत पर अपने को बेगुनाह साबित करने की जिम्मेदारी भी शिक्षण संस्थान की ही थी। विधेयक में डोनेशन व कैपिटेशन फीस लेने पर एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के मुताबिक कैपिटेशन फीस और अन्य तरह के नाजायज शुल्कों पर प्रतिबंध लगाने के लिए किसी केंद्रीय कानून की कमी के कारण ही एक विधेयक लाने की जरूरत महसूस की गई। इस विधेयक के पारित होने से खास तौर पर निजी मेडिकल व तकनीकी शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को अब कैपिटेशन फीस या अन्य शुल्क से बचने में मदद मिल सकेगी, जहां अक्सर दबाव बनाकर मोटी रकम वसूली जाती है। तकनीकी शिक्षा संस्थान, चिकित्सा शिक्षा संस्थान और विश्वविद्यालय में अनाचरण प्रतिबंधित करने संबंधी विधेयक-2010 को पिछले साल मई में लोकसभा में पेश किया गया था। बाद में उसे मानव संसाधन विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति को भेज दिया गया था। समिति ने 30 मई, 2011 को अपनी सिफारिशें सौंप दीं जिनके आधार पर विधेयक में संशोधन व सुधार किए गए हैं। सरकार का तर्क है कि उच्च शिक्षा में मौजूदा नीति संस्थानों को स्वायत्तता देने की है, लेकिन कई संस्थान इस स्वायत्तता का दुरुपयोग करते हैं। लिहाजा उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वायत्तता और छात्रों के हितों की सुरक्षा के बीच संतुलन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का बढ़ा बजट केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबंधित समिति ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के मौैजूदा खर्च को 250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 381 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है। इस बढ़ोतरी से पुरानी प्रधानमंत्री रोजगार योजना व ग्रामीण रोजगार सृजन योजना के बकाया दायित्वों को पूरा किया जाना है। सरकारी बयान के अनुसार इससे करीब 1.73 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।