नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : नर्सरी दाखिला प्रक्रिया को लेकर दिल्ली सरकार का मत है कि चार साल की उम्र बच्चे के लिए ज्यादा होती है। अगर दाखिले की उम्र चार साल की गई तो दिल्ली के बच्चे देश के अन्य बच्चों से पिछड़ जाएंगे। उन्हें नौकरियों में कम अवसर मिलेंगे। हाल ही में दिल्ली हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्यों न नर्सरी दाखिले में बच्चे की उम्र चार वर्ष हो? दिल्ली के शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने बताया कि देश भर में बारहवीं पास बच्चे की उम्र अमूमन 17 वर्ष है। ऐसे में चार साल की उम्र के बच्चे का दाखिला नर्सरी में होगा तो बारहवीं उत्तीर्ण करने पर उसकी उम्र 18 वर्ष हो जाएगी। इसलिए नर्सरी में दाखिले की उम्र 3 वर्ष ठीक है। जिससे बच्चा बारहवीं उत्तीर्ण करेगा तो उसकी उम्र 17 वर्ष होगी। अगर ऐसा नहीं होता तो भविष्य में इसका खामियाजा दिल्ली की नौजवान पीढ़ी को भुगतना होगा। क्योंकि जब वह सरकारी नौकरियों की प्रतियोगी परीक्षा में बैठेगी तो शैक्षणिक योग्यता बढ़ने के साथ उम्र अधिक होने से उसे नौकरी आवेदन में मिलने वाले अवसर कम हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों की मनमानी पर रोक के लिए सरकार की पूरी तैयारी है। गरीब परिवारों (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में कोटा 25 फीसदी लागू होगा। सरकार ने इन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर होने वाले खर्च को लेकर बजट भी तैयार किया है। जिसमें हर गरीब बच्चे की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। योजना की घोषणा अगले सप्ताह तक की जाएगी। नर्सरी में दाखिले दिसंबर मध्य से शुरू! : सब ठीक रहा तो इस बार नर्सरी में दाखिला प्रक्रिया दिसंबर मध्य तक शुरू हो जाएगी। शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों की बैठक बुलाई थी। जिसमें स्कूलों ने 15 दिसंबर को दाखिला फॉर्म जारी करना सुनिश्चित किया। लेकिन कोर्ट ने गैर सहायता प्राप्त स्कूलों की कमेटी और सरकार को नोटिस जारी कर नर्सरी दाखिले पर उम्र सीमा 4 वर्ष तय किए जाने के विचार पर जवाब मांगा है। अगर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ेगी तो दाखिला प्रक्रिया देर से शुरू होगी।