Monday, 7 November 2011

निजी शिक्षण संस्थानों में अधिक फीस लेने पर हाई कोर्ट सख्त

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ 
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अधिक शुल्क वसूलने वाले निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने और औचक जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड गठित करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट जींद के अलेवा निवासी नील मणी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अशोक कुमार शर्मा भाणा ने बताया कि याचिकाकर्ता ने डिप्लोमा इन एजुकेशन (जेबीटी) में प्रवेश के आवेदन किया था। याचिकाकर्ता को मेरिट के आधार पर यमुनानगर के अलहर गांव के स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन में सीट आवंटित की गई। भाणा ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार सरकार ने इस कोर्स की फीस 18,400 रुपये वार्षिक तय की थी लेकिन याचिकाकर्ता से प्रवेश के लिए कॉलेज ने अनुचित ढंग से 46,000 रुपये मांगे। याचिकाकर्ता ने इतनी फीस देने से इंकार कर दिया। कॉलेज द्वारा अधिक फीस मांगने की शिकायत याचिकाकर्ता के पिता ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ जिस कारण याचिकाकर्ता को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। और अधिक फीस न देने के कारण याचिकाकर्ता का प्रवेश नहीं हो सका। जवाब में सरकार ने कहा था कि वह कुछ भी करने में असमर्थ है क्योंकि प्रवेश प्रकिया पूरी हो चुकी है। याचिकाकर्ता व सरकारी पक्ष जानने के बाद कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए अधिक फीस की मांग करने वाले स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन पर 25,000 रुपये जुर्माना लगाने का आदेश देते हुए सरकार को कहा कि वह यह राशि वसूल कर याचिकाकर्ता को दे और याचिकाकर्ता को किसी अन्य संस्थान में प्रवेश दिलाने का प्रबंध करे। कोर्ट ने इसकी जानकारी के साथ कोर्ट में जवाब देने का भी सरकार को आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि ऐसे सभी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो सरकार द्वारा तय सीमा से अधिक फीस वसूल करते हैं और छात्रों को अधिक फीस देने के लिए मजबूर करते हैं। इस तरह के शिक्षण संस्थानों की जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वाड गठित करे जो इनकी जांच करें।
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