Tuesday, 18 October 2011

यूजीसी ने मानव अधिकारों की पढ़ाई में दिखाई तेजी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली मानवाधिकारों की पढ़ाई कराने वाले विश्वविद्यालयों व कॉलजों को मदद को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अब तेजी दिखाई है, जब 11वीं योजना के खत्म होने में बमुश्किल पांच महीने ही बचे हैं। आयोग ने इस मामले में दिलचस्पी रखने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से 15 नवंबर तक प्रस्ताव मांगे है। बशर्ते, वे आयोग से वित्तीय मदद पाने के हकदार हों। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मानवाधिकार की शिक्षा पर खास जोर देने के मद्देनजर ही 11वीं योजना (2007-12) में उच्च शिक्षण संस्थानों को वित्तीय सहायता की अलग योजना शुरू की है। 11वीं पंचवर्षीय योजना अगले साल मार्च में खत्म हो रही है, लेकिन मानवाधिकार की पढ़ाई कराने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को चालू वित्तीय वर्ष की मदद अभी नहीं मिल सकी है। इस बीच, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बीते दिनों उन सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को पत्र भेजकर उनसे 15 नवंबर तक उनकी वित्तीय मदद के लिए प्रस्ताव मांगे हैं, जो मानवाधिकारों की पढ़ाई करा रहे हैं। शर्त यह भी है कि संबंधित उच्च शिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से वित्तीय मदद की पात्रता रखता हो। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की यह मदद उन्हीं संस्थानों के लिए है जो मानवाधिकारों की पढ़ाई के लिए फाउंडेशन कोर्स (2-3 महीने), सर्टिफिकेट कोर्स (3-6 महीने), ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स समेत इस दिशा के दूसरे पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करा रहे हैं। योजना के तहत यह वित्तीय मदद सिर्फ 11वीं योजना के अंत तक के लिए ही है। आयोग चाहता है कि पंचवर्षीय योजना के खत्म होने के पहले सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं जिससे समय रहते उच्च शिक्षण संस्थानों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जा सके।
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