Tuesday, 18 October 2011

जेबीटी को प्रमोशन नहीं

शिक्षा विभाग की नई पालिसी से जेबीटी को दस साल में एक बार मिलने वाली पदोन्नति पर भी रोक लगी 
शिक्षा विभाग में नई पालिसी जेबीटी शिक्षकों को बेचैन करने वाली है। नए नियमों पर अमल होता है तो जेबीटी टीचर नियुक्ति होने से लेकर रिटायरमेंट तक जेबीटी ही बना रहेगा। 10 साल में उसे हेड टीचर के तौर पर एक पदोन्नति मिलती है, फिर वह भी नहीं मिल पाएगी।

राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत जिन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या 150 तक रहेगी, उन विद्यालयों में हेड टीचर की पोस्ट नहीं रहेगी। विद्यार्थियों की संख्या 150 से अधिक रहने पर ही स्कूलों में हेड टीचर पद सृजित होंगे। प्रदेश में लगभग 13,900 विद्यालय हैं और वर्तमान में तकरीबन 6275 हेड टीचर स्कूलों में कार्यरत हैं। अगर नई पालिसी पर अमल होता है तो प्रदेश में मुश्किल से तीन हजार जेबीटी टीचर्स को ही हेड टीचर का पद प्राप्त हो सकेगा। शेष विद्यालय हेड टीचर विहीन हो जाएंगे। जबकि स्कूलों में मिड डे मील, खातों को मेनटेन रखना, एसएसए की योजनाओं का क्रियान्वयन, सरकारी डाक आदि कार्य हेड टीचर को करने होते हैं। ऐसे में जिन स्कूलों में हेड टीचर नहीं रहेंगे। उन स्कूलों में सरकारी योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन और स्कूल के अन्य विशेष कार्यों पर प्रश्न चिन्ह लग जाएगा, क्योंकि बिना जिम्मेदारी तय हुए कोई भी कार्य नियमित रूप से होना कठिन होता है। इन स्थितियों में स्कूलों में न केवल शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं, बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास से जुड़ी अन्य गतिविधियां भी लापरवाही का शिकार हो सकती हैं।

हालांकि ऐसे स्कूल मिडल स्कूल हेडमास्टर के सुपरविजन में रहेंगे, लेकिन हेड टीचर का अपना विशेष महत्व है। स्कूलों में हेड टीचर की देखरेख बिना गुणात्मक शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि अध्यापन कार्य के साथ साथ स्कूल प्रबंधन भी अहम कार्य होता है।

पूरे सेवाकाल रहेंगे पदोन्नति से वंचित

 गुणात्मक शिक्षा पर पड़ेगा असर

॥जेबीटी को 10 वर्षों में एक पदोन्नति मिलती थी, लेकिन नई पॉलिसी के लागू होने पर यह भी नहीं मिल पाएगी। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं, क्योंकि बिना छात्र संख्या की शर्त के हेड टीचर के पद सृजित होने चाहिए। जल्द ही इस बारे में रणनीति तैयार करके संघर्ष की घोषणा की जाएगी। दीपक गोस्वामी, प्रदेश महासचिव, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा

फैसले का करेंगे विरोध

इस नई पालिसी के लागू होने पर जाहिर होता है जेबीटी टीचर्स को पूरे सेवा काल पदोन्नति से वंचित रहना पड़ेगा। क्योंकि अगर जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम रहती है तो उनमें हेड टीचर की नियुक्तिनहीं हो सकेगी।
 
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