Saturday 17 September 2011

अब नहीं रहेगी स्कूलों में बर्तनों की कमी

पवन सिरोवा, फतेहाबाद शिक्षा विभाग ने गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए मिड-डे-मिल योजना को तो शुरू कर दिया लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों के सामने इस योजना को सफल बनाने में कई समस्याएं सामने आ रही हैं। मिड-डे-मिल योजना के चलते शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों से मिड-डे-मिल बनाने व वितरण करने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले बर्तनों की रिपोर्ट मांगी है। मिड-डे-मिल योजना को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के पास मुख्यतौर पर मिड-डे-मिल बनाने व वितरण करने के लिए बर्तनों की कमी की समस्या सामने आ रही है। निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से जिले के स्कूलों में मिड-डे-मिल के बर्तनों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी है ताकि जिन स्कूलों में बर्तनों की कमी के चलते मिड-डे-मिल के सफल कार्यान्वयन में आ रही समस्या को दूर किया जा सके। निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा ने आदेश जारी किए है कि प्रदेश के सभी जिलों से विद्यालयों में मिड-डे-मिल के बनाने व वितरण के लिए प्रयोग किए जाने वाले बर्तनों की सूची मुख्यालयों को भेजी जाए। ताकि यह जानकारी प्राप्त हो सके कि किस स्कूल में कितनी चम्मचें, थाली और मिड-डे-मिल बनने के बरतन कितने है। कितनी कमी के चलते कितने ओर बरतनों की आवश्यकता है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने इस वर्ष जिले के प्राइमरी स्कूलों व स्वतंत्र माध्यमिक स्कूलों में 2500 रुपये की राशी भी स्कूलों में चम्मच व थाली के लिए जारी की थी। लेकिन भोजन बनाने के लिए बर्तनों की कमी अभी तक बहुत से विद्यालयों में है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुत से स्कूल ऐसे है जो मिड-डे-मिल बनाने के लिए बर्तनों का प्रतिदिन किराए पर लाया जाता है।
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