Saturday 10 September 2011

सीबीआइ को आरटीआइ से बाहर रखने पर कोर्ट की मुहर

चेन्नई, एजेंसी : मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीआइ को सूचना के अधिकार कानून के दायरे से बाहर रखने के फैसले को शुक्रवार को यह कहते हुए सही ठहराया कि उसे सरकार के इस रुख में कोई गलती नजर नहीं आती कि यह जांच एजेंसी सुरक्षा और खुफिया संगठन है। मुख्य न्यायाधीश एम वाई इकबाल और न्यायमूर्ति टी एस शिवज्ञानन की खंडपीठ ने कहा, सीबीआइ को आरटीआइ की दूसरी अनुसूची में शामिल करने के सरकार के फैलसे में हमें कोई गलती नजर नहीं आती है। इसी के साथ खंडपीठ ने सीबीआइ को इस कानून के दायरे से बाहर रखने के लिए सरकार की ओर से नौ जून को जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। दूसरी अनुसूची सुरक्षा और खुफिया संगठनों को इस कानून के तहत सूचनाओं का खुलासा करने से छूट देती है। हालांकि मानवाधिकार उल्लंघन समेत कुछ मामले अपवाद हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता वकील विजय लक्ष्मी की यािचका पर यह आदेश जारी करते हुए अदालत ने कहा कि सरकार के इस निर्णय पर पहुंचने से पहले इस मामले पर कई स्तरों पर विचार किया गया। गौरतलब है कि सीबीआइ को आरटीआइ के दायरे से बाहर रखने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की थी और सरकार के इस कदम को पीछे की ओर ले जाने वाला फैसला करार दिया था, हालांकि कांग्रेस ने इसे सही फैसला बताया है।
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