Saturday 10 September 2011

आवंटन के बाद मकान नहीं बेच पाएंगे गरीब

जागरण ब्यूरो, लखनऊ कमजोर तबके और अल्प आय वर्ग के लोग अब आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों के भवनों की तत्काल न तो बिक्री कर सकेंगे न ही आवंटी किसी और के पक्ष में उनका हस्तांतरण कर सकेंगे। केंद्र की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार परिषद-प्राधिकरणों के ईडब्ल्यूएस व एलआइजी भवनों की लाभार्थी द्वारा बिक्री व हस्तांतरण पर रोक के लिए नियम बनाने जा रही है। उक्त भवनों की बिक्री व हस्तांतरण पर रोक की समय सीमा दस से 15 साल किये जाने पर विचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन विभाग ने इस सम्बंध में आवास विभाग को आवासीय योजनाओं में ईडब्ल्यूएस व एलआइजी भवनों के लिए माडल प्राविजंस (आदर्श प्रावधान) के तहत नियम बनाने की अपेक्षा की थी। दरअसल उच्च व मध्यम आय वर्ग के मुकाबले ईडब्ल्यूएस और एलआइजी वर्ग को अपेक्षाकृत सस्ती दर पर भवन आवंटन होता है। तमाम मामलों में ऐसा पाया गया है कि अधिक लाभ के लालच में आर्थिक तौर पर दुर्बल आय वर्ग व अल्प आय वर्ग के लोगों ने परिषद व प्राधिकरण से आवंटित भवन की बिक्री कर दी और फिर पुराने हालात में ही जीवन बसर करने लगे। सूत्र बताते हैं कि ऐसे भवनों की बिक्री या हस्तांतरण को निश्चित समय सीमा में बांध दिये जाने से वास्तव में वे लोग ही इन्हें लेने में दिलचस्पी दिखायेंगे जो जरूरतमंद हैं। इसके पीछे सरकार की मंशा कमजोर व जरूरतमंद को अधिक संख्या में भवन उपलब्ध कराना है। ईडब्ल्यूएस के भवन लाभार्थी परिवार की मासिक आय पांच हजार और एलआइजी लाभार्थी की मासिक आय 5001 रुपये से लेकर दस हजार रुपये के मध्य होनी चाहिए। उक्त आय की गणना वर्ष 2011 के आधार पर की गयी है। प्रत्येक दो वर्ष पर इसके पुनरीक्षण के आधार पर आय की गण्ना होगी। ईडब्ल्यूएस भवनों के लिए सामान्य तौर पर 30 वर्गमीटर क्षेत्रफल का भूखंड निर्धारित किया गया है लेकिन ग्रुप हाउसिंग की दशा में यह 25 वर्गमीटर रहेगा। इसी प्रकार एलआइजी के लिए सामान्य तौर पर भूखंड का क्षेत्रफल 40 वर्गमीटर और ग्रुप हाउसिंग के मामलों में यह 35 वर्गमीटर रहेगा।
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