Monday, 5 September 2011

आंगनबाड़ी वर्करों की नियुक्ति लटकी

सिरसा, जागरण संवाददाता : जिले में 430 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए लगभग एक हजार आंगनबाड़ी वर्कर व सहायिकाओं की नियुक्ति ठंडे बस्ते में चली गई है। चयनित उम्मीदवार नियुक्ति के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। पूर्व उपायुक्त ने यह चयन किया था लेकिन वर्तमान उपायुक्त ने चयन प्रक्रिया पर ही सवाल उठाते हुए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। साथ ही पूरी प्रक्रिया फिर से चलाने की भी मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिरसा जिले में 430 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 430 आंगनबाड़ी वर्कर व 430 सहायिकाओं तथा मिनी सेंटर की लगभग 150 वर्कर की नियुक्ति के लिए 8 सितंबर 2010 से नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ हुई थी। इस प्रक्रिया में उनके साक्षात्कार लिए गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गठित चयन कमेटी ने चयन किया तथा सफल आवेदकों की सूची भी सार्वजनिक कर दी गई। बावजूद इसके जिले के आठ ब्लाकों में नियुक्त की जाने वाली वर्कर की नियुक्ति को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। दरअसल, तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त पंकज चौधरी के कार्यकाल में आंगनबाड़ी वर्कर की चयन प्रक्रिया पूरी हुई थी। चयनित उम्मीदवारों की सूची भी जारी की गई, लेकिन उनके तबादले के साथ ही इस सूची पर संशय के बादल लटक गए। चयनित वर्कर ने ज्वाइनिंग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाने से लेकर नेताओं के द्वार खटखटाए। रोष प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन परिणाम शून्य रहा। बताया जाता है कि जिला के केवल बडागुढ़ा व ओढ़ा ब्लॉक के लगभग 90 सहायिकाओं की ही नियुक्ति की गई, जबकि शेष कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की नियुक्ति आज भी अधर में लटकी हुई है। सूत्रों की मानें तो राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते चयनित उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग नहीं करवाई और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हालांकि चयनित वर्करों ने मिलकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में इस संबंध में याचिका दाखिल की है।
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