Tuesday, 5 July 2011

कॉलेजों में नहीं होगी गृह परीक्षा!

धर्मेद्र यादव, सिरसा प्रदेश के कॉलेजों में अब गृह परीक्षा नहीं होगी! आंतरिक मूल्यांकन में कुछ बदलाव करके इसकी भरपाई करने की कोशिश है। आंतरिक मूल्यांकन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अंक सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 किए जाएंगे। मतलब, 20 प्रतिशत अंक अब प्राध्यापक को देने हैं। शैक्षणिक लिहाज से अहम माने जाने वाले इस निर्णय पर उच्चतर शिक्षा विभाग ने अपनी मुहर लगा दी है, लेकिन प्रदेश के विश्वविद्यालयों की संस्तुति अभी बाकी है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय उच्चतर शिक्षा विभाग के इस पत्र पर मंथन शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि विश्वविद्यालयों की संस्तुति में कोई अड़चन नहीं है। सब ठीक रहा तो इसी शैक्षणिक सत्र से यह निर्णय लागू हो जाएगा। इसके पीछे प्रमुख वजह कॉलेजों में कार्य दिवस बढ़ाना बताया जा रहा है। खासकर, सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद काफी दिन परीक्षा में खप जाते थे। जनवरी माह में हुई प्रदेश के प्राचार्यो की बैठक में यह मुद्दा उठा था और इस पर प्राचार्यो से राय भी मांगी थी। जिक्र करने लायक बात यह भी है कि पिछले साल कई कॉलेजों में छात्रों ने गृह परीक्षा नहीं दी थी। बाद में कॉलेजों ने सालना इम्तिहान के रोल नंबर रोक लिए थे। इस पर काफी झमेला भी हुआ। उच्चतर शिक्षा विभाग ने सूबे के कॉलेजों में गृह परीक्षा न कराने का निर्णय ले लिया है। नई व्यवस्था के अनुसार, आंतरिक मूल्यांकन के लिए 20 प्रतिशत अंक तय किए हैं। इसमें पांच प्रतिशत हाजिरी के आधार पर दिए जाएंगे। पांच फीसदी अंक अनाउंसड टेस्ट (मौखिक परीक्षा) के होंगे। दस प्रतिशत अंक असाइनमेंट के होंगे। प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे। डीन एकेडमिक अफेयर प्रोफेसर सुल्तान सिंह ने बताया कि पिछले दिनों हुई बैठक में यह सुझाव तो आया था, लेकिन अंतिम निर्णय क्या हुआ, जानकारी नहीं है।
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