Thursday 28 July 2011

जेबीटी घोटाले में चौटाला पिता-पुत्र पर आरोप तय, रोहिण की विशेष कोर्ट का फैसला, ओमप्रकाश चौटाला व अजय चौटाला सहित 57 पर भ्रष्टाचार के आरोप

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रोहिणी की विशेष अदालत ने बहुचर्चित जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाले में करीब सात साल दो माह की सुनवाई के बाद ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय, दो पूर्व सहयोगियों विद्या धर और शेर सिंह बड़शामी समेत कुल 57 लोगों के खिलाफ आरोप निर्धारित कर दिए हैं। इनमें निलंबित आईएएस अधिकारी संजीव कुमार भी शामिल हैं। सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप तय किए गए हैं। अदालत ने मामले में बृजमोहन नामक आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया है। इस मामले में तीन अन्य की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। 
मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की हिदायत पर यहां स्थित रोहिणी की विशेष अदालत में चल रही है। सीबीआई विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार ने अपने आदेश में कहा कि ‘मेरा विचार में इस बात के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं कि हरियाणा सरकार को उन्हीं के तंत्र ने ठगा।’ जज ने आगे कहा ‘इस प्रकार के षड्यंत्र में वह व्यक्ति जिसने इसे शुरू किया गया हो, संभव है कि वास्तविक षड्यंत्रकारी से उसका अंत तक संबंध न रहे, लेकिन ऐसे में उसकी भूमिका सीमित बताते हुए उसे दोषमुक्त नहीं कहा जा सकता। इस प्रकार के षड्यंत्र में व्यक्तिगत कार्य को षड्यंत्र की पृष्ठभूमि के तौर पर देखा जा सकता है। इसीलिए आरोपी विद्या धर की भूमिका को जांचने के लिए पूर्ण ट्रायल की आवश्यकता है, जोकि आरोप तय करने के साथ शुरू होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में कहा गया कि परिस्थितिजन्य सबूतों से साफ है कि ये लोग ही मुख्य षड्यंत्रकारी हैं। वहीं विद्या धर द्वारा घोटाले को अंजाम देने के लिए बैठक बुलाईं गई, जोकि मुख्यमंत्री की निगरानी में हुई। ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय और शेर सिंह बड़शामी के वकील एसके सक्सेना, अनिल राठी और अमित साहनी ने अदालत में कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई का गलत उपयोग कर रही हैं और उनके मुवक्किलों को झूठा फंसाया जा रहा है। यहां तक की उन्होंने इसे हरियाणा का मामला बताते हुए इसका यहां ट्रायल चलने का भी विरोध किया।बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला व उनके छोटे बेटे अभय सिंह के खिलाफ हाल ही में कड़कडड़ूमा की विशेष सीबीआई अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोप निर्धारित किए जा चुके हैं। इसी मामले में अजय चौटाला की सुनवाई आगामी एक अगस्त को होनी है।
क्या था मामला
१५ नवंबर १९९९ को प्राथमिक शिक्षा, हरियाणा के निदेशक द्वारा ३०२६ जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए एक अखबार में विज्ञापन दिया गया । इन भर्तियों के लिए एक दिसंबर १९९९ को इंटरव्यू हुआ। जिसके बाद विभाग ने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर हरियाणा के १८ जिलों में ३२०६ टीचरों की भर्ती के लिए सात दिसंबर २००० को अखबार में लिस्ट जारी कर दी थी।
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