Thursday 28 July 2011

मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के महत्वपूर्ण फैसले

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश सरकार ने बुधवार को तदर्थ, अनुबंध, दैनिक वेतन भोगी, वर्क-चार्ज एवं पार्ट टाइम आधार पर कार्यरत श्रेणी-ख, ग एवं घ कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की घोषणा की है। इसके अलावा गुड़गांव टोल टैक्स के रेट बढ़ाए गए हैं तो शिक्षक चयन बोर्ड भी गठन कर दिया गया है। बुधवार को यहां सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगा दी गई। बैठक में श्रेणी-ख, ग एवं घ के 10 अप्रैल 2006 को कम से कम 10 वर्ष के लिए लगातार स्वीकृत पदों के विरुद्ध कार्य करने और वर्तमान में सेवारत कर्मचारी नियमित करने के फैसले पर मुहर लगाई गई। इन कर्मियों को नियमित करने के साथ कुछ शर्ते और जोड़ी गई हैं। उन कर्मियों को यह लाभ मिलेगा जो न्यायालय या ट्रिब्यूनल के आदेशों में नहीं आते हों। सेवा में लगातार विराम की अवधि एक कैलेंडर वर्ष में एक माह से अधिक न हो व पद के लिए नियुक्त होने की तिथि के समय कर्मचारी न्यूनतम निर्धारित योग्यता रखता हो। इन कर्मचारियों को अब तक की सेवा का वरिष्ठता व पेंशन लाभ नहीं मिलेगा। संबंधित कर्मचारी की नियुक्ति केवल सम्यक रूप से स्वीकृत रिक्त पद के विरुद्ध रोजगार कार्यालय द्वारा प्रायोजित करने के बाद की गई हो या विज्ञापन के द्वारा आवेदन आमंत्रित करते हुए विभागीय चयन समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर हो। 
शिक्षक चयन बोर्ड गठन को स्वीकृति
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक चयन बोर्ड गठित करने के फैसले को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। बैठक में शिक्षकों के सभी पदों को कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकालने का निर्णय लिया गया। अब शिक्षकों के सभी पदों को बोर्ड द्वारा भरा जाएगा। बहरहाल इन भर्ती एजेंसियों द्वारा जिन रिक्तियों के लिए पहले ही विज्ञापन दिया जा चुका है, उन पदों पर यही आयोग चयन करेंगे। एचपीएससी के दायरे से बाहर किए पद : बैठक में गृह विभाग के पुलिस उप अधीक्षक साइबर क्राइम के दो पदों की सीधी भर्ती के माध्यम से हरियाणा लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकाल कर विभागीय भर्ती समिति द्वारा भरने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इससे कंप्यूटर, इंटरनेट, डिजिटल संचार आदि के माध्यम से किए गए अपराधों को प्रभावी ढंग से हल करने में सहायता मिलेगी।
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