हरियाणा कैबिनेट के फैसले
अब शिक्षक भर्ती बोर्ड से : शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक चयन बोर्ड गठित करने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों के सभी पदों को कर्मचारी चयन आयोग तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकाला गया है। अब शिक्षकों के सभी पदों को बोर्ड द्वारा भरा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में अस्थायी तौर पर नियुक्त कर्मियों को तोहफा देते हुए नियमित कर दिया है।ऐसे कर्मचारी, जिन्होंने 10 अप्रैल, 2006 को कम से कम 10 वर्ष के लिए लगातार स्वीकृत पदों पर कार्य किया हो तथा अब तक सेवा में है किंतु न्यायालय या ट्रिब्यूनल के आदेशों में नहीं आते हो। सेवा में लगातार विराम की अवधि एक कैलेंडर वर्ष में एक माह से अधिक न हो तथा पद के लिए नियुक्त होने की तिथि के समय कर्मचारी न्यूनतम निर्धारित योग्यता रखता हो, इनको नियमित किया जाएगा। तदर्थ/अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारी, जो इस नियमितीकरण नीति के अधीन नहीं आएं हैं और जो अब सेवा में हैं, को एकमुश्त उपाय के रूप में आयु में छूट दी जाएगी, यदि वे नियमित नियुक्ति में भाग लेते है।बुधवार को सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।बर्खास्त पुलिस कर्मियों को बहाल करने का मामला अगली बैठक में उठेगा। वर्क-चार्ज, तदर्थ, अनुबंध, दैनिक वेतन भोगी, एवं पार्ट टाइम कार्यरत श्रेणी-ख, ग एवं घ कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की घोषणा की।
ग्रुप डी कर्मचारी चयन कमेटी भंग : ग्रुप डी कर्मचारी चयन कमेटी भंग करने का निर्णय लिया। कमेटी अध्यक्ष ने सूचित किया है कि कई स्थलों पर चयन प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है। ग्रुप डी के चयन के लिए चल रही प्रक्रिया भी रद्द कर दी।
अब शिक्षक भर्ती बोर्ड से : शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक चयन बोर्ड गठित करने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों के सभी पदों को कर्मचारी चयन आयोग तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकाला गया है। अब शिक्षकों के सभी पदों को बोर्ड द्वारा भरा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में अस्थायी तौर पर नियुक्त कर्मियों को तोहफा देते हुए नियमित कर दिया है।ऐसे कर्मचारी, जिन्होंने 10 अप्रैल, 2006 को कम से कम 10 वर्ष के लिए लगातार स्वीकृत पदों पर कार्य किया हो तथा अब तक सेवा में है किंतु न्यायालय या ट्रिब्यूनल के आदेशों में नहीं आते हो। सेवा में लगातार विराम की अवधि एक कैलेंडर वर्ष में एक माह से अधिक न हो तथा पद के लिए नियुक्त होने की तिथि के समय कर्मचारी न्यूनतम निर्धारित योग्यता रखता हो, इनको नियमित किया जाएगा। तदर्थ/अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारी, जो इस नियमितीकरण नीति के अधीन नहीं आएं हैं और जो अब सेवा में हैं, को एकमुश्त उपाय के रूप में आयु में छूट दी जाएगी, यदि वे नियमित नियुक्ति में भाग लेते है।बुधवार को सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।बर्खास्त पुलिस कर्मियों को बहाल करने का मामला अगली बैठक में उठेगा। वर्क-चार्ज, तदर्थ, अनुबंध, दैनिक वेतन भोगी, एवं पार्ट टाइम कार्यरत श्रेणी-ख, ग एवं घ कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की घोषणा की।
ग्रुप डी कर्मचारी चयन कमेटी भंग : ग्रुप डी कर्मचारी चयन कमेटी भंग करने का निर्णय लिया। कमेटी अध्यक्ष ने सूचित किया है कि कई स्थलों पर चयन प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है। ग्रुप डी के चयन के लिए चल रही प्रक्रिया भी रद्द कर दी।