रवि हसिजा, जींद सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दिए हलफनामा में प्रदेश के सभी मिडिल स्कूलों में मुख्याध्यापकों के पद सृजित करने को उचित माना है। अब प्रदेश के 2051 स्वतंत्र मिडिल स्कूलों में भी मुख्याध्यापकों के पद सृजित होंगे। मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। मिडिल स्कूलों में मुख्याध्यापकों के पद सृजित करने के लिए कर्ण सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर रखी है। कर्ण सिंह बनाम हरियाणा सरकार याचिका नंबर-19329/2010 के जवाब में विभाग और सरकार की तरफ से संयुक्त निदेशक बीआर वत्स ने हलफनामा दायर किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पिछले वर्ष 24 मई को हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के साथ शिक्षा मंत्री की बैठक में सभी मिडिल स्कूलों में छात्र संख्या की शर्त हटाकर मुख्याध्यापकों के पद सृजित करने के मामले पर चर्चा हुई थी। बाद में फैसला लिया गया था कि मुख्याध्यापकों के पदों के सृजन में 200 की छात्र संख्या की न्यूनतम शर्त हटा दी जाए। प्रदेश कुल 2428 मिडिल स्कूल हैं, जिनमें से 377 मिडिल स्कूलों में पहले ही 7500-12000 के वेतनमान में मुख्याध्यापकों के पद सृजित हैं। शेष 2051 मिडिल स्कूलों में मुख्याध्यापकों के पद जल्द ही भरे जाएंगे। गत 13 मई को योजना विभाग बजट की सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा कि विभाग ने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है, उसे जल्द लागू किया जाए।