Sunday, 29 May 2011

निजी स्कूल को एक लाख रुपये हर्जाना

जागरण ब्यूरो, शिमला : जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एवं न्यायाधीश डीएस खेनल ने चलौंटी संजौली निवासी भूपेंद्र सिंह को राहत प्रदान करते हुए सैंट टैरेसा पब्लिक स्कूल चक्कर की प्रधानाचार्य को एक वर्ष बर्बाद करने के आरोप में एक लाख रुपये हर्जाना, मानसिक उत्पीड़न के लिए पांच हजार और कानूनी खर्च के लिए दो हजार रुपये 45 दिन के भीतर अदा करने का आदेश दिया। भूपेंद्र सिंह ने फोरम में दर्ज शिकायत में कहा था कि वह जमा दो नॉन मेडिकल का फेल छात्र था। उसने अपना एक वर्ष बचाने के लिए सेंट टैरेसा स्कूल चक्कर में दाखिला लिया, जो नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओपन स्कूल रीजनल सेंटर चंडीगढ़ से फेल विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित करता है। उसे रीजनल सेंटर चंडीगढ़ से फेल विद्यार्थियों की परीक्षा में बैठने का पत्र प्राप्त हुआ। इस बावत उसने स्कूल प्रबंधन से बात की, जिन्होंने उसे सबकुछ ठीक करने के आश्वासन के साथ उससे भौतिक शास्त्र व रसायन विज्ञान विषय के लिए अतिरिक्त पैसे भी वसूल लिए। भूपेंद्र दो माह बाद परीक्षा परिणाम आने पर अपना परिणाम जानने स्कूल पहुंचा तो प्रबंधन ने उसे इंटरनेट पर परिणाम देखने की सलाह दी। इंटरनेट पर उसे मूल प्रमाण जमा करवाने को कहा गया। उसके बाद भी छात्र का परिणाम नहीं आया तो उसने स्कूल को इस संबंध में नोटिस जारी किया। इस पर भूपेंद्र को फिर से परीक्षा में बैठने को कहा, लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया। इसी दौरान स्कूल ने भूपेंद्र के पास होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। भूपेंद्र सिंह ने स्कूल पर गलत ढंग से पैसा ऐंठने के साथ स्कूल के कृत्य व आचरण को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि इससे उसका एक वर्ष बर्बाद हुआ है। इसके बदले उसने हर्जाने के रूप में एक लाख रुपये और मानसिक परेशानी की एवज में 25 हजार रुपये मुआवजा मांगने के लिए जिला उपभोक्ता फोरम में अपील दायर की थी।
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