चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : हरियाणा के नवनियुक्त जेबीटी अध्यापकों को गृह जिले में नियुक्ति न देने के मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल के लिए समय हरियाणा सरकार ने और समय देने की मांग की। इसे हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए सरकार को जवाब के लिए समय दे दिया। इस संदर्भ में नवचयनित अध्यापकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। फतेहाबाद, जींद, हिसार व भिवानी जिलों से चयनित व अन्य जिलों में नियुक्त नवनियुक्त जेबीटी अध्यापकों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार ने अतिथि अध्यापकों को बनाए रखने के लिए उन्हें नियमों के विरूद्ध दूरस्थ जिलों में नियुक्ति दी है। याचिका में इस तथ्य का भी उल्लेख किया गया है कि भर्ती के समय जिला वार पद विज्ञापित किए थे और उम्मीदवारों से अपनी नियुक्ति की स्थिति में पंसद के जिले के विकल्प मांगे थे। चयन सूची जारी करते समय भी जिलावार मेरिट सूची भी जारी की गई। नियुक्ति के लिए काउंसलिंग के समय भी अध्यापकों से मनपंसद जिला विकल्प मांगा गया परंतु विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर उन्हें अन्य जिलों में नियुक्ति दे दी। कई जिलों में तो विज्ञापित पदों की संख्या ज्यादा थी, परंतु वहां विज्ञापित पदों की मात्रा के अनुरूप नियुक्तियां नहीं दी गई। याचिका में यह तर्क भी पेश किया गया कि जेबीटी अध्यापकों का कैडर जिला स्तर का होता है और वरिष्ठता सूची भी जिला स्तर पर तैयार होती है। याचिका के अनुसार विभाग द्वारा बीएड डिग्री के आधार पर लगे अतिथि अध्यापकों को उनके पदों पर यथावत रखते हुए नियमित अध्यापकों को जिले से बाहर नियुक्ति देना नियमों के विरूद्ध है।