चंडीगढ़,जागरण ब्यूरो : अब 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को भी मिड डे मील मिलेगा। प्रदेश सरकार ने राज्य के छह जिलों में पायलट परियोजना के रूप में यह योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। अभी तक मिल डे मील योजना का लाभ प्राथमिक व मिडिल कक्षा के छात्र-छात्राओं को ही मिलता है। यह निर्णय मंगलवार को राज्य की मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी की अध्यक्षता में मिड डे मील कार्यक्रम के तहत गठित राज्यस्तरीय संचालन एवं निगरानी समिति की बैठक में लिया गया। अंबाला, यमुनानगर, कैथल, हिसार, रोहतक और रेवाड़ी को पायलट परियोजना के तहत शामिल किया गया है। बैठक में इन जिलों की कक्षा नौंवीं से 12वीं कक्षा की छात्राओं को ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले ढाई किलो चना, मुरमुरा और मूंगफली देने पर भी निर्णय लिया गया है, ताकि अवकाश के दौरान इसका प्रयोग हो सके। गांव स्तर पर गठित समितियों को भी खाद्यान्नों के उठान में सम्मिलित किया जाना चाहिए, ताकि स्कूलों की आपूर्ति में विलंब न हो। मुख्य सचिव ने ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले स्टॉक की आपूर्ति की जांच करने का सुझाव दिया। इसी प्रकार, उन्होंने बनाये गये राशन की जांच स्कीम के तहत गठित मदर कमेटी द्वारा करवाने पर बल दिया। उन्होंने स्टियरिंग एवं मॉनिटरिंग कमेटी को वर्ष में दो बार बैठक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा कार्यक्रम के किये जाने वाले मूल्यांकन अध्ययन को बैठक में सांझा किया जाए, ताकि किए गए बदलावों के प्रभावों की समीक्षा की जा सके। वहीं राजकीय विद्यालयों की तर्ज पर अब प्रदेश में ईट-भट्ठा पाठशालाओं में श्रमिकों के बच्चों को भी मिड डे मील उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अंतर्गत झज्जर में प्रारंभिक चरण में 88 भट्ठा पाठशालाओं पर योजना शुरू की जा रही है। इससे लगभग 1800 बच्चे लाभांवित होंगे।