Friday 1 April 2011

प्रदेश के मात्र 24 कालेज ही मापदंड पर खरे

अरूणेश, हिसार अब तक आपने छात्रों को ही परीक्षा से डरते सुना है। लेकिन परीक्षा के नाम अब गुरु जी भी परीक्षा के डर से भागने लगे हैं। शायद यही सबसे बड़ी वजह रही होगी कि प्रदेश के 467 में से मात्र 76 बीएड कालेज ही नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद, बेंगलूर) द्वारा अपने कालेजों का निरीक्षण कराने की हिम्मत जुटा पाए। परिषद द्वारा जारी परिणाम में प्रदेश के मात्र 24 कालेज ही इस मापदंड पर खरे उतरे हैं। इसका परिणाम यह है कि नए शैक्षणिक सत्र में प्रदेश की लगभग 25 से 30 हजार सीटें कम कर दी जाएंगी। शैक्षणिक गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कालेज स्तर पर इन दिनों पूरे देश भर में नैक द्वारा की जा रही है। रिपोर्ट न होने की सूरत में कालेज को मिलने वाली ग्रांट से लेकर सीटें तक में कटौती कर दी जाती है। बीएड शिक्षा के नाम पर मोटी कमाई करने के लिए प्रदेश में पिछले पांच वर्ष के दौरान कुकुरमुत्ते की तरह बीएड कालेज खुल गए हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि प्रदेश में देखते ही देखते बीएड सीटों की संख्या चालू शैक्षणिक सत्र के 65 हजार तक पहुंच गई। यही वजह रही कि छात्रों की तुलना में सीटें अधिक होने के कारण का परिणाम बार-बार काउंसलिंग के बावजूद इस बार लगभग पांच हजार सीटें खाली रह गई। इन बीएड कालेजों में शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक पत्र जारी कर प्रदेश के सभी निजी बीएड कालेजों से हर हाल में अपना सेल्फ मूल्यांकन 31 मार्च तक कराने के आदेश दिए थे। साथ ही निर्देश दिए कि जो निजी बीएड कालेज ऐसा नहीं करेगा उसकी सीटें किसी भी सूरत में सौ से अधिक नहीं होगी। अर्थात यदि उस कालेज के पास स्वीकृत सीटें 300 या 200 है तो वह घटकर 100 ही रह जाएंगी। इने आदेशों से बीएड कालेज संचालकों में खलबली मच गई। हालांकि कुछ कालेजों ने अपना नैक से मूल्यांकन कराना शुरू कर दिया। अभी तक नैक टीम ने आवेदन के आधार पर प्रदेश के 467 कालेजों में से मात्र 76 कालेजों का दौरा कर निरीक्षण किया। टीम ने निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर परिणाम नेट पर डाल दिए हैं। इन 76 कालेजों में से मात्र 24 निजी बीएड कालेज ही तय मानदंडों पर खरे उतर पाए हैं। या यूं कहें कि निरीक्षण करवाने वाले एक तिहाई से कम कालेज ही परीक्षा में सफल हो पाए हैं। इनमें से सात को ए ग्रेड मिला है। इसके अतिरिक्त चौदह कालेजों को भी बी ग्रेड मिला है। इन सभी कालेज के संचालकों को नैक द्वारा 24 अप्रैल को बेंगलूर में आयोजित समारोह में प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। अन्य कालेजों पर निश्चित तौर पर सीटों में कमी की मार करने की संभावना है। इस परिणाम के आधार पर प्रदेश में बीएड सीटों में 25 से 30 हजार की कमी संभव है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. रघुवेंद्र तंवर के अनुसार इस संबंध में बीएड कालेजों को नैक से निरीक्षण कराने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन अभी कितने कालेजों ने यह निरीक्षण कराया है, यह बताना अभी संभव नहीं है
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