•अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। वर्ष 2006 से 2009 में 719 गेस्ट फैकल्टी और कांट्रेक्ट टीचर की अवैध नियुक्तियों में जिला शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्यों और हेडमास्टरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दायर याचिका में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। फतेहाबाद निवासी बिजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि नियुक्तियों के मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जाएं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस महेश ग्रोवर की अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए हरियाणा सरकार और हरियाणा स्कूल एजूकेशन के निदेशक को नोटिस जारी कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
जनहित याचिका में कहा गया है कि यह नियुक्तियां जिला शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्यों और हेडमास्टर की मिलीभगत से हुई। याचिका में कहा गया है कि 719 नियुक्तियाें में से कई अध्यापक आयोग्य हैं, जबकि कइयों की नियुक्ति बिना मेरिट लिस्ट तैयार किए ही की गई। इस मामले में स्कूल एजूकेशन के निदेशक ने जिला एजूकेशन अधिकारियों के माध्यम से जांच भी बैठाई गई थी। जिला अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा निदेशक ने नवंबर, दिसंबर में सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जिन अध्यापकों की नियुक्ति गैरकानूनी है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएं और जवाब मिलते ही 15 दिनों के अंदर ऐसे अध्यापकों पर कार्रवाई की जाए। याचिकाकर्ता ने आगे कहा है कि निदेशक ने 719 गैरकानूनी अध्यापकों के नाम इनक्लोज्ड करने के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे।