रेडक्रास फंड का मनमाना खर्च करने वाले नौकरशाहों की अब खैर नहीं है। मामले की जांच को गठित हाईकोर्ट के दो पूर्व जजों एएल बहरी व आरके नेहरू की कमेटी ने दुरुपयोग की गई राशि की वसूली संबंधित जिला उपायुक्तों से करने की सिफारिश की है। हाईकोर्ट को सौंपी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कमेटी ने पंजाब एवं हरियाणा में इस राशि को खर्च करने के जिला उपायुक्तों के तरीके पर नाखुशी जाहिर की है। कमेटी ने फंड को सीएम व पीएम रिलीफ फंड में ट्रांसफर करने को भी गलत बताया। कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि उसने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ जिला रेड क्रास सोसाइटी से 1998 से 2009 तक आय व खर्च का पूरा ब्योरा मांगा था। अभी तक की जांच में पाया गया है कि पंजाब व हरियाणा के डीसी रेडक्रास फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं। डीसी रेडक्रास फंड का प्रयोग गाड़ी खरीदने, पेट्रोल डलवाने, कैंप आफिस के बिजली बिल भरने और एसी खरीदने पर खर्च कर रहे हैं जो गैर कानूनी है। डीसी इसका प्रयोग अपने स्टाफ को लोन देने व निजी संबंधों वाले कुछ संगठनों को अनुदान देने में करते हैं। कमेटी ने सिफारिश की है कि इन सभी डीसी से यह राशि वसूल की जाए। साथ ही डीसी से रेडक्रास फंड के खर्च करने की शक्ति पर रोक लगाई जानी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार पहले लुधियाना रेड क्रास सोसाइटी के खाते की जांच की गई जिसमें उच्च स्तर पर घपला पाया गया। कमेटी ने पाया कि पंजाब व हरियाणा में रेडक्रास फंड का सही प्रयोग नही हो पाता है जिस कारण वित्तवर्ष खत्म होने के बाद फंड सीएम या पीएम राहत कोष में चला जाता है। कमेटी ने सिफारिश की कि पीएम और सीएम कोष में फंड की जितनी भी राशि गई है वह वापस जिला रेडक्रास फंड में मंगाई जाए। फंड के सही प्रयोग के लिए एक नीति बनाई जाए जिसके तहत प्राकृतिक आपदा या अन्य आपदा के बाद खर्च करने के बाद भी बची हुई राशि रेडक्रास फंड में ही रहे और उसका सही इस्तेमाल हो। दुरुपयोग हुई राशि डीसी से वसूली जाए