हरियाणा में अब टीचर भरती तजुर्बे के आधार पर
•युवाओं ने एक मई को आत्मदाह की चेतावनी दी
केंद्र ने टीईटी को माना तो हरियाणा ने नियम बदला
•डा. सुरेंद्र धीमान
चंडीगढ़। टीचर भरती की योग्यता को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा बदले गए नियम से प्रदेश के सवा लाख युवा खुद को ठगा से महसूस कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने टीचर भरती के लिए टीचर इलेजिबलिटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता समाप्त कर दी है जबकि टीईटी पास सवा लाख युवा अपनी इस काबिलियत की बदौलत नौकरी की बाट जोह रहे थे।
हुड्डा सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान जेबीटी, मास्टर और लेक्चरर पद के लिए स्टेट टीचर इलेजिबलिटी टेस्ट को अनिवार्य किया गया था। तब तक केंद्र सरकार की ओर से भी इस संबंध में कोई नियम नहीं बनाया गया था। बीते चार साल के दौरान प्रदेश में चार टीईटी टेस्ट आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें लाखों बेरोजगारों ने हिस्सा लेकर खुद को टीचर भरती के योग्य बनाने में सफलता हासिल कर ली है। चार साल के दौरान हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने टीईटी की शर्त पर ही एक भरती अभियान भी पूरा किया वहीं हरियाणा लोक सेवा आयोग ने लेक्चरर की भरती के लिए टीईटी पास को ही आवेदन करने के योग्य माना था।
इसके बाद पूरे देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करते हुए केंद्र सरकार ने हरियाणा की तर्ज पर टीईटी को टीचरों की योग्यता के रूप में पूरे देश में लागू कर दिया। लेकिन हरियाणा सरकार ने बुधवार को जारी अधिसूचना के तहत टीईटी पास की अनिवार्यता का फैसला बदल दिया है। अब चार साल टीचिंग का अनुभव रखने वाले आवेदन कर सकेंगे। प्रदेश सरकार के इस फैसले से उन सवा लाख युवाओं को धक्का लगा है जो टीईटी पास कर टीचर भरती के विज्ञापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
यह हमारे साथ धोखा है। हम मंडल स्तर पर 15 अप्रैल को टीईटी प्रमाण पत्रों की शव यात्रा निकालेंगे। सरकार ने सर्विस रूल्स नहीं बदले तो एक मई को टीईटी पास पात्र युवा रोहतक में चौधरी रणवीर सिंह हुड्डा समाधि स्थल पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे। हम इन नियमों को बदलवाकर रहेंगे। अगले सप्ताह में हम इन नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
राजेंद्र शर्मा
अध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ, हरियाणा