Saturday, 14 April 2012

पात्र अध्यापक करेंगे सामूहिक आत्मदाह : सुहासिनी

पानीपत, जागरण संवाद केंद्र : सरकार के फैसले के विरोध में पात्र अध्यापक 1 मई को मजदूर दिवस पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे। अतिथि अध्यापकों को चाहे कितना भी वक्त सरकार दे, लेकिन वे पात्रता परीक्षा पास नहीं कर सकते हैं। यह बात पात्र अध्यापक संघ की महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कही।
उन्होंने कहा कि सरकार चार साल के अनुभवी शिक्षकों को मौका देना चाहती है। सरकार के फैसले से वे 2015 तक पात्रता परीक्षा पास कर सकते हैं। अतिथि अध्यापकों को एक की बजाए चार मौके दिए जाएं, लेकिन बात वही ढाक के तीन पात होगी। नकली डिग्रियों के सहारे एचटेट पास नहीं कर सकेंगे। रोहतक स्थित संविधान स्थल पर 1 मई को पात्र अध्यापक संघ प्रमाणपत्रों की शव यात्रा निकालेंगे। 15 अप्रैल को मंडल स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे। सरकार के फैसले के विरोध में सामूहिक आत्मदाह भी करेंगे। सरकार के इस कदम से गुणात्मक शिक्षा का अर्थ ही नहीं रह जाता है। सरकारी स्कूलों में शिक्षक योग्य होंगे तभी छात्र डॉक्टर, इंजीनियर व आइएएस बनेंगे।
जिलाध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने बताया कि सिविल अस्पताल पानीपत में पात्र अध्यापकों की बैठक 14 अप्रैल को बुलाई गई है। बैठक के बाद जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। दोपहर दो बजे से विरोध प्रदर्शन शुरू होगा। शिक्षक इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। आत्म मौर्य ने कहा कि सरकार चंद वोटों की खातिर इस तरह का कदम उठा रही है। उन्हें पात्र अध्यापकों के सवा लाख वोट दिखाई नहीं दे रहा है। पहले पात्रता परीक्षा ली गई। अब चार साल के अनुभव रखने वाले अध्यापकों को ही भर्ती में शामिल किया जा रहा है। पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों के साथ मजाक है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी प्रदेशों में पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दी है। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले इस परीक्षा को लागू किया था। अब इसका उल्लंघन कर अतिथि अध्यापकों को मौका देना चाहते हैं। पात्रता परीक्षा पास अध्यापक हक प्राप्त करने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।
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