Thursday 12 April 2012

टीईटी पास किए बिना बनेंगे टीचर

चंडीगढ़। हरियाणा में टीचर भरती होने के लिए अब ‘टीचर इलेजिब्लिटी टेस्ट’ (टीईटी) पास होना जरूरी नहीं है। प्रदेश सरकार ने केंद्र के नियमों के विपरीत टीचर भरती के अपने नियमों में बेरोजगारों को कई तरह की राहत दे दी है। इसका लाभ जहां प्रदेश के गेस्ट टीचर व अन्य उठा सकेंगे वहीं देश भर से बेरोजगारों को भी लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार के राइट टू एजूकेशन एक्ट के तहत टीचर भरती के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य शर्त बना दिया था। केंद्र का यह नियम सभी राज्यों में लागू भी हो गया लेकिन हरियाणा में बुधवार को अधिसूचित टीचर भरती के नए नियम के अनुसार, किसी मान्यता प्राप्त, अनुदान प्राप्त या सरकारी स्कूल में कम से कम चार साल टीचिंग का अनुभव ही टीचर भरती के काफी है। उम्मीदवार को नियुक्ति के बाद तीन साल में टीईटी पास करनी होगी।
प्रदेश सरकार ने बुधवार को टीचर भरती के नए नियम अधिसूचित कर दिए हैं। ये नियम केंद्र के नियमों से अलग हैं। हरियाणा में उम्मीदवारों को दो प्रकार की छूट- चार साल का तर्जुबा और भरती के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं, दी गई है। एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को टीचर भरती के लिए टीईटी पास को अनिवार्य कर दिया था। हरियाणा में इस नियम में छूट होने से अब देश भर से बेरोजगार टीचर पद के लिए हरियाणा में आवेदन कर सकेंगे। चुने जाने पर तीन साल के भीतर टीईटी पास करना होगा। दूसरी छूट उम्र में है। पहले 40 साल तक की उम्र के उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते थे, अब 45 साल तक के आवेदन कर सकेंगे। इन नियम को ‘हरियाणा स्कूल एजूकेशन ग्रुप सी सर्विस रूल्स 2012’ नाम दिया गया है।
रूल्स अधिसूचित कर दिए हैं। बेसिकली यह छूट नहीं है, बल्कि दायरा बढ़ाते हुए पूरे देश में फैला दिया है। चयनित टीचर को टीईटी पास करना जरूरी होगा। एनसीटीई ने प्रावधान कर रखा है कि पांच साल के भीतर न्यूनतम योग्यता पूरी करनी होगी।
एसपी सरो
निदेशक, सेकेंडरी एजूकेशन, हरियाणा
मुझे हरियाणा के नियमों की जानकारी नहीं है। जब मामला सामने आएगा तब देखेंगे। अलबत्ता, टीचर भरती होने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य है। यह कानून देश में लागू है।
विक्रम सहाय
सदस्य सचिव, एनसीटीई
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