कपिल बतरा, रोहतक प्रदेश में शिक्षा अधिनियम 134ए को सख्ती से लागू कराने के लिए सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव ने पत्र के जरिए गठित कमेटी को निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिया है। कमेटी में शामिल उपायुक्त, एसपी, एडीसी, डीईओ व डीईईओ निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक करने के अलावा मॉनीटरिंग कर 25 फीसदी गरीब विद्यार्थियों की स्थिति का जायजा लेंगे। बीती छह फरवरी को चंडीगढ़ से शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त व प्रधान सचिव सुरीना राजन ने हर जिले के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त उपायुक्त, डीईओ व डीईईओ को पत्र जारी किया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि शिक्षा अधिनियम 134-ए के तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से पिछड़े 25 फीसद विद्यार्थियों को शिक्षा दिलाना जरूरी है। इसके लिए निजी स्कूल संचालकों की बैठक बुलाकर उन्हें अधिनियम लागू करने का निर्देश दिया जाए। साथ ही कहा गया है कि समय-समय पर निजी स्कूलों में क्लास वाइज रिकॉर्ड लेकर 25 फीसदी निर्धन बच्चों को जायजा लिया जाए, ताकि पता चल सके कि किस निजी स्कूल से कितने बच्चों को शिक्षा अधिनियम के तहत सरकारी फीस पर शिक्षा ग्रहण का लाभ प्राप्त हुआ है। वित्तायुक्त ने प्रदेश के मंडल आयुक्तों को भी उनके स्तर पर शिक्षा अधिनियम को लागू कराने हुई कार्रवाई की जांच करने के निर्देश दिए हैं। पत्र का कॉपी अंबाला, हिसार, रोहतक व गुड़गांव के मंडल आयुक्त को भेजी गई है। जिला स्तर पर गठित कमेटी में ये अधिकारी हैं शामिल : शिक्षा अधिनियम 134-ए लागू कराने के लिए शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त के निर्देशानुसार जिला स्तर पर गठित कमेटी के चेयरमैन उपायुक्त होंगे। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी को सदस्य सचिव, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त उपायुक्त व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को सदस्य बनाया गया है।