Monday, 26 December 2011

कभी तेज तो कभी धीरे दौड़ी शिक्षा की गाड़ी

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : हरियाणा में इस साल शिक्षा विभाग की गाड़ी कभी तेज तो कभी धीरे-धीर दौड़ी। शिक्षा विभाग में हालांकि कई अहम फैसले हुए, लेकिन कुछ फैसले इस साल लागू नहीं हो पाए हैं। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले 25 प्रतिशत बच्चों को दाखिले नहीं मिल पाए तो साथ ही शिक्षकों को राज्य पुरस्कार भी आवंटित नहीं हो सके। स्कूलों में स्वच्छता सौंदर्य पुरस्कार की शुरुआत तथा आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं के खत्म होने का फैसला इस साल अहम रहे हैं। शिक्षा विभाग के लिए इस साल छह हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। 600 स्कूलों में इस साल विज्ञान, वाणिज्य एवं दस समाज दो स्तर की कक्षाएं आरंभ होना इस साल की खास बात रही है। स्कूलों में इस साल रेशनेलाइजेशन तो हुआ है, लेकिन शिक्षा के अधिकार कानून के तहत नहीं हो पाया है। राज्य में इस साल नौ हजार नए जेबीटी शिक्षकों की भर्ती हुई, लेकिन रेशनेलाइजेशन के चलते अन्य भर्तियां नहीं हो पाई हैं। एजूसेट सिस्टम ठप रहा। राज्य में इस साल 36 आरोही स्कूल खुले, लेकिन उनमें नियमित रूप से अध्यापकों की भर्ती नहीं हो पाई। नतीजतन दो सौ से ज्यादा शिक्षक प्रति नियुक्ति पर भेजे गए। स्कूलों के समय में किए गए बदलाव के चलते राज्य भर में अजीब तरह का माहौल रहा। सरकार ने सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक स्कूलों का समय कर दिया, लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते सुबह साढ़े सात से ढ़ाई बजे तक यह समय तबदील करना पड़ा। राज्य में इस साल अतिथि अध्यापकों के मानदेय में 30 फीसदी की बढ़ोतरी खास फैसला रहा। उन्हें सर्विस बुक भी प्रदान की गई। इस साल राज्य में थ्री टायर प्रणाली की खासी सुगबुगाहट रही। राज्य में पहली बार तबादलों के लिए आवेदन आन लाइन मांगे गए, लेकिन दिसंबर में लंबे इंतजार के बाद तबादला सूची जारी हो पाई है। दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं इस साल देरी से शुरू हुई और देरी से ही उनके परिणाम घोषित हो पाए हैं। अभी पूरे परीक्षा परिणाम भी आने बाकी हैं। 55 साल की सेवा के बाद विस्तार के लिए अनिवार्य मेडिकल सर्टिफिकेट सरकार ने इसी साल खत्म कर दिया है जबकि जिला शिक्षा अधिकारियों की शक्तियों में भी कटौती की गई है। स्कूलों में किताबें लेट पहुंचने के कारण पढ़ाई पर इसका विपरीत असर हुआ है। तकनीकी व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पहले से चल रही परियोजनाओं पर इस साल काम तो जारी रहा, लेकिन सारी परियोजनाएं अभी पूरी होने में वक्त लग रहा है।
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